पुष्य नक्षत्र का प्रमुख स्वामी ग्रह शनि होता है. यह नक्षत्र शनि ग्रह के अधिकार क्षेत्र में आता है. लेकिन कुछ विद्वानों का मानना है कि इसकी विशेषताएं गुरु ग्रह से अधिक मेल खाती है. इसलिए, इस नक्षत्र के स्वामी के रूप में शनि और गुरु दोनों को माना जाता है।

नई दिल्ली:पुष्य नक्षत्र के जातकों के गुण वास्तव में ज्योतिषीय ग्रंथों में उल्लेखित हैं। शनि के स्वामित्व वाला यह नक्षत्र व्यक्तियों को नए कार्यों की ओर प्रेरित करता है और उनमें नवीनता की खोज की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। बृहस्पति के प्रभाव से इन जातकों को जीवन में मान-सम्मान और प्रशंसा की प्राप्ति होती है, हालांकि कभी-कभी उन्हें सफलता प्राप्त करने में देरी का सामना भी करना पड़ सकता है। इनकी बुद्धि की तेजी और आगे बढ़ने की इच्छा उन्हें जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक होती है।
पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है. इस नक्षत्र की उपस्थिति कर्क राशि के 3-20 अंश से 16-40 अंश तक है. वेदों और पुराणों में सभी 27 नक्षत्रों में ‘पुष्य नक्षत्र’ को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि
पुष्य नक्षत्र को वास्तव में ज्योतिष शास्त्र में बहुत शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि होते हैं, जो धैर्य और परिश्रम के प्रतीक हैं। जातकों की निरंतर नए कार्यों में रुचि और उनकी मेहनती प्रवृत्ति उन्हें सफलता की ओर ले जाती है, हालांकि यह सफलता तत्काल नहीं मिलती है। बृहस्पति के प्रभाव से इन्हें जीवन में मान-सम्मान और प्रशंसा प्राप्त होती है। इस नक्षत्र में जन्मे लोगों की बुद्धि तेज होती है और वे अपने जीवन में आगे बढ़ने के नए रास्ते खोज लेते हैं। वे शांत हृदय, सर्वप्रिय, विद्वान, पंडित, प्रसन्नचित्त, माता-पिता की सेवा करने वाले, ब्राह्मणों और देवताओं का आदर करने वाले, धर्म को मानने वाले, बुद्धिमान पुत्रयुक्त, धन वाहन से संपन्न होते हैं। यह नक्षत्र व्यक्ति को जीवन में उच्च स्थान प्रदान करने की क्षमता रखता है।
पुष्य नक्षत्र को वास्तव में बहुत शुभ माना जाता है। यह नक्षत्र पोषण और पालन का प्रतीक है, जिसका अर्थ है कि यह जीवन के सभी पहलुओं में वृद्धि और समृद्धि लाता है। इसके अलावा, यह नक्षत्र गुरु बृहस्पति और शनि द्वारा शासित होता है, जो ज्ञान और कर्म के प्रतीक हैं। इसलिए, पुष्य नक्षत्र के दिन किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने का मान्यता है कि यह उसे सफलता और समृद्धि की ओर ले जाएगा।
पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ और समृद्धि देने वाला माना जाता है। यह नक्षत्र विशेष रूप से वित्तीय और व्यापारिक मामलों में सफलता और अच्छे भाग्य को आकर्षित करता है। पुष्य नक्षत्र के दौरान किए गए चिंतन, ध्यान और दान को भी बहुत फलदायी माना जाता है।इस नक्षत्र के अंतर्गत जन्मे लोगों को बुद्धिमान, ज्ञानी और सद्गुणी माना जाता है। वे स्वभाव से सामंजस्यपूर्ण, शांतिप्रिय और अत्यंत अनुकूलनशील होते हैं। उनमें न्याय की मजबूत समझ और सत्य के प्रति गहरा प्रेम होता है।
ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र के चारों चरणों का विशेष महत्व है, और प्रत्येक चरण के जातकों के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। आपने जो विवरण दिया है, वह इस प्रकार है:
- प्रथम चरण (सूर्य): जन्मे व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं और यात्राओं से धन अर्जित करते हैं। उन्हें वाहन, भवन, जमीन, पद और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
- द्वितीय चरण (बुध): जन्मे व्यक्ति वाकपटुता के कारण मधुर संबंध बनाए रखते हैं और एक से अधिक स्रोतों से धन अर्जित करते हैं।
- तृतीय चरण (शुक्र): जन्मे व्यक्ति विद्यावान होते हैं, उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं, और शिक्षा क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करते हैं।
- चतुर्थ चरण (मंगल): जन्मे व्यक्ति धार्मिक स्वभाव के होते हैं और धार्मिक व परोपकारी कार्यों में रुचि रखते हैं।
पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले कैसे होते हैं
पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष में बहुत ही शुभ माना जाता है, और इसमें जन्मे लोगों को धार्मिक प्रवृत्ति के होने के साथ-साथ विद्वान, बहादुर, ताकतवर और मनमोहक बताया गया है। इनके स्वभाव में शांति और कोमलता होती है, लेकिन चित्त की अस्थिरता के कारण कभी-कभी परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। बचपन में तंगी का सामना करने के बावजूद, बड़े होने पर ये लोग अपने काम में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि परिवार और घर की ओर ध्यान नहीं दे पाते, जिससे उनका वैवाहिक जीवन प्रभावित हो सकता है।
पुष्य नक्षत्र में जन्मी महिलाएं दयालु, प्रभावशाली व्यक्तित्व की होती हैं और मानसिक रूप से स्थिर होती हैं, जो उन्हें आकर्षक बनाती है। उन्हें भी जीवन के शुरुआती समय में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन विवाह के बाद वे अपने पति के प्रति वफादार और ईमानदार रहती हैं
पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों का करियर
पुष्य नक्षत्र में जन्मे लोगों को अक्सर धार्मिक प्रवृत्ति के होने के साथ-साथ विद्वान और बहादुर माना जाता है। इस नक्षत्र को धन प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है, और इस दौरान निवेश करने पर अच्छे परिणामों की संभावना होती है। ज्योतिष के अनुसार, पुष्य नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए होटल और रेस्टोरेंट का व्यवसाय, फिटनेस उद्योग, और सलाहकार के रूप में करियर बनाना उपयुक्त हो सकता है।
इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि ये लोग शिक्षा, वित्त और आध्यात्मिकता से संबंधित क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह जानकारी ज्योतिषीय विश्लेषण पर आधारित है, और इसे व्यक्तिगत अनुभवों और विश्वासों के रूप में देखा जाना चाहिए। हर व्यक्ति की अपनी अद्वितीय प्रतिभा और क्षमताएं होती हैं, और करियर की सफलता व्यक्तिगत प्रयासों और अवसरों पर भी निर्भर करती है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. tv10india इसकी पुष्टि नहीं करता है.)