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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की दिशा में निर्णायक चरण में पहुंच चुका है, और इसका पूरा श्रेय देवभूमि की जागरूक जनता को जाता है। उन्होंने यह बात ‘नए भारत की बात उत्तराखंड के साथ’ विषय पर आयोजित एक कॉन्क्लेव में साझा की।
जनता से किए गए वादे को निभाया
सीएम धामी ने बताया कि 2022 के चुनावी संकल्प में सरकार ने जनता से वादा किया था कि नई सरकार बनते ही यूसीसी लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सरकार बनते ही एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद विधानसभा में विधेयक पारित कर राष्ट्रपति को भेजा गया, और अब मंजूरी मिलने के बाद यह ऐतिहासिक कदम लागू होने के अंतिम चरण में है।
धार्मिक और सांस्कृतिक विकास को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार न केवल यूसीसी पर काम कर रही है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास पर भी विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए श्री केदारनाथ (ऊखीमठ), बदरीनाथ (पांडुकेश्वर और ज्योर्तिमठ), यमुनोत्री (खरसाली), और गंगोत्री (मुखवा) में पूजा-अर्चना की परंपरा को प्रोत्साहित करते हुए आसपास के पौराणिक स्थलों का विकास किया जा रहा है।
मानसखंड मंदिर माला मिशन और निवेश योजनाएं
मुख्यमंत्री ने ‘मानसखंड मंदिर माला मिशन’ के तहत प्रथम चरण में 16 मंदिर क्षेत्रों के विकास का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य को धार्मिक पर्यटन के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 30 से अधिक नीतियां बनाई गई हैं और प्रक्रियाओं को सरल किया गया है। सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए निवेशकों को त्वरित अनुमतियां दी जा रही हैं।
धामी की बात
सीएम ने अपने संबोधन में जोर देते हुए कहा, “यूसीसी का सपना पूरा करना हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। उत्तराखंड के लोग इस ऐतिहासिक पहल के असली हकदार हैं, जिन्होंने हर कदम पर हमें प्रेरित किया और समर्थन दिया।”
उत्तराखंड, जहां आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम होता है, यूसीसी लागू करने में अग्रणी बनकर देशभर में एक नई मिसाल कायम कर रहा है।