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गोपेश्वर: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में घूमने का शौक रखने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही पहाड़ों की यात्रा पहले से ज्यादा सरल और सुगम हो जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कर्णप्रयाग-सिमाई में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना स्थल का दौरा किया और बताया कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का पहला चरण 2026 के अंत तक पूरा होने की संभावना है।
पहाड़ों में सुरंग बनाना चुनौतीपूर्ण, लेकिन प्रगति तेज
मुख्यमंत्री ने कर्णप्रयाग में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “यह परियोजना अपनी तरह की अनूठी पहल है। पहाड़ों में सुरंग बनाना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन हमारे इंजीनियर और मजदूर तेजी से इसे अंजाम दे रहे हैं। 2026 के अंत तक इसका पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा।” उन्होंने इसे उत्तराखंड के विकास में ऐतिहासिक कदम बताया।
चारधाम यात्रा होगी सुगम, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल प्रोजेक्ट के पूरा होने से न केवल चारधाम यात्रा आसान होगी, बल्कि प्रदेश में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यह प्रोजेक्ट उत्तराखंड के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रेम और विकास की सोच को दर्शाता है।
परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर
अधिकारियों के मुताबिक, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की कुल लंबाई 125 किलोमीटर है। इस परियोजना के तहत 16 सुरंगें और 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। कर्णप्रयाग का रेलवे स्टेशन सेवई में तैयार हो रहा है।
मुख्य सुरंग का काम जल्द होगा पूरा
अधिकारियों ने बताया कि गौचर के भट्टनगर से सेवई तक 6.3 किलोमीटर लंबी एस्केप टनल का निर्माण 25 दिसंबर को पूरा किया गया। इसके साथ ही 6.2 किलोमीटर लंबी मुख्य सुरंग का काम मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसमें केवल 695 मीटर का काम शेष है।
परियोजना का बड़ा महत्व
धामी ने इस रेल प्रोजेक्ट को राज्य के विकास और पर्यटन के लिए बड़ा मील का पत्थर बताया। सेवई में सड़क और रेल पुलों का निर्माण भी तेज गति से चल रहा है। दिसंबर 2026 तक परियोजना के अधिकांश हिस्से के पूरा होने की उम्मीद है।
यह परियोजना उत्तराखंड को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर कनेक्टिविटी देने के साथ ही स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलने वाली है।