
देहरादून:भारत सरकार ने चीन सीमा पर सड़कों का जाल बिछाने का कार्य शुरू कर दिया है। मुनस्यारी से धापा बैंड से मिलम तक 65 किमी सड़क का निर्माण होने के बाद अब मिलम से चीन सीमा पर स्थित आईटीबीपी की अंतिम चौकी तक 19 किमी लंबी सड़क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस सड़क के निर्माण के लिए आईटीबीपी और बीआरओ ने सर्वे पूरा कर लिया है। यह सड़क सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, इसलिए इस सड़क को गृह मंत्रालय से स्वीकृति मिली है।
चीन सीमा के पास रहने वाले ग्रामीणों और जवानों को बेहतर सुविधाएं मिलने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। पिछले चार साल में भारत सरकार ने तवाघाट से लिपुलेख और मुनस्यारी के धापा बैंड से मिलम तक सड़क निर्माण कार्य पूरा कर दिया है। इन सड़कों में सुरक्षा दीवार, नाली, कलवर्ट और डामरीकरण का कार्य तेजी से हो रहा है। आगामी कुछ सालों में इन सड़कों पर वाहनों का परिचालन शुरू होगा। मिलम तक 12 हजार फुट सड़क पहुंचने के बाद, अब भारत सरकार ने मिलम से लेकर 14 हजार फुट आईटीबीपी की अंतिम चौकी दुंग तक सड़क बनाने के लिए तेजी से काम शुरू किया है। इस सड़क के निर्माण कार्य के लिए बीआरओ नामित किया गया है।
सड़क निर्माण के लिए आईटीबीपी और बीआरओ का सर्वे भी पूरा हो गया है और जल्द ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। वर्तमान में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत मिलम से मलारी (जोशीमठ) तक भी सड़क का निर्माण कार्य प्रस्तावित है, जिसके लिए सर्वे भी पूरा हो चुका है। मिलम तक सड़क पहुंचने के बाद अब इस सड़क का भी निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इन दोनों सड़कों के निर्माण से सीमा पर तैनात जवानों के साथ-साथ पर्यटकों को भी बड़ी राहत मिलेगी।