
रुद्रपुर: उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर में विजयदशमी के पर्व पर उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया, जब दहन से कुछ घंटे पहले ही रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशालकाय पुतले तेज हवा और बारिश के कारण जमीन पर आ गिरे. इस घटना से तीनों पुतले बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे आयोजकों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि, आयोजकों ने दर्शकों को निराश न करने का वादा करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कही है.
यह घटना रुद्रपुर के गांधी पार्क की है, जहां हर साल की तरह इस बार भी दशहरे पर रावण दहन की भव्य तैयारियां की गई थीं. आयोजकों द्वारा 65 फीट का रावण और 60-60 फीट के मेघनाद और कुंभकरण के पुतले स्थापित किए गए थे.ये पुतले करीब तीन महीने की मेहनत के बाद रामपुर से आई एक टीम ने तैयार किए थे और इनकी लागत लगभग डेढ़ लाख रुपए बताई जा रही है.
गुरुवार दोपहर को अचानक मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई. हवा का जोर इतना तेज था कि विशालकाय पुतले उसके दबाव को झेल नहीं पाए और एक-एक कर धड़ाम से नीचे आ गिरे.पुतलों के गिरने से किसी का सिर टूट गया तो किसी का हाथ, पैर क्षतिग्रस्त हो गया. गनीमत यह रही कि इस घटना के समय पुतलों के आसपास कोई मौजूद नहीं था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया.
इस अप्रत्याशित घटना के बाद शाम को होने वाले रावण दहन कार्यक्रम पर संकट के बादल मंडराने लगे. हालांकि, आयोजन समिति के सदस्य हरीश अरोड़ा ने बताया कि मौसम के बदले मिजाज के कारण पुतलों को थोड़ा नुकसान पहुंचा है. उन्होंने दर्शकों को आश्वासन देते हुए कहा, “दर्शकों को निराश नहीं होने दिया जाएगा. आयोजक कमेटी की बैठक चल रही है. शाम को रावण भी मरेगा और पुतला भी दहन किया जाएगा.”आयोजकों का कहना है कि वे शाम तक वैकल्पिक व्यवस्था कर लेंगे ताकि परंपरा का निर्वहन हो सके.