रियाद: अरब देशों की सबसे बड़ी खनन कंपनी सऊदी अरब माइनिंग कंपनी (माडेन) ने दिसंबर में मक्का क्षेत्र में विशाल सोने के भंडार की खोज की थी। इस खोज को लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने खुशी का इजहार किया है। ऐसे में सऊदी अरब की यह माइनिंग कंपनी अब दूसरे इलाकों में भी अपनी खोज गतिविधियों को आक्रामक रूप से बढ़ाने की तैयारी में है। कंपनी को उम्मीद है कि मक्का के आसपास के कई इलाकों में और ज्यादा सोना मिल सकता है। इसका इस्तेमाल प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सऊदी विजन 2030 को पूरा करने में किया जा सकता है। प्रिंस सलमान साल 2030 तक सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की निर्भरता तेल से हटाने वाले हैं।
माडेन के मुख्य कार्यकारी बॉब (सीईओ) विल्ट ने सोमवार को एक बयान में कहा कि ये खोजें जो माडेन के मंसूराह-मस्साराह सोने की खदान के दक्षिण में 100 किमी की पट्टी पर की है, वह कंपनी को “दुनिया की प्रमुख खदान कंपनी की दौड़ में” ला सकती हैं। माडेन ने कहा कि उसने पहली तिमाही में मंसूराह-मस्सारा खदान में व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया और इस वर्ष के दौरान अधिकतम उत्पादन क्षमता तक पहुंचने की उम्मीद है। 2023 के अंत में इसके पास लगभग सात मिलियन औंस सोने के संसाधन थे, जिसकी उत्पादन क्षमता 250,000 औंस प्रति वर्ष थी। दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक सऊदी अरब, पर्यटन, आतिथ्य और वित्त सहित क्षेत्रों में तेजी से विकास कर रहा है। इसका प्रमुख उद्देश्य कच्चे तेल के निर्यात पर देश की निर्भरता को कम करना है। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद के विजन 2030 योजना में बताया गया है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए खनन क्षेत्र एक प्रमुख घटक है। इसका लक्ष्य दशक के अंत तक देश के आर्थिक उत्पादन में खनन क्षेत्र के योगदान को तीन गुना से अधिक करना है।
इस बीच, माडेन ने 2023 की चौथी तिमाही में 890 मिलियन सऊदी रियाल ($237.30 मिलियन) का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि तीसरी तिमाही में 83 मिलियन रियाल का घाटा हुआ था। कंपनी ने इसकी जानकारी तदावुल स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल किए गए एक फाइलिंग में दी थी, जहां इसके शेयरों का कारोबार होता है। इसी अवधि के दौरान राजस्व 29 प्रतिशत बढ़कर 8.04 बिलियन रियाल हो गया, जो कि उच्च समग्र बिक्री मूल्य और मात्रा से समर्थित है। वैश्विक स्तर पर फॉस्फेट उर्वरकों के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक, माडेन ने कहा कि उसके फॉस्फेट व्यवसाय से चौथी तिमाही में बिक्री 4.72 बिलियन रियाल रही, जो तीसरी तिमाही में 3.25 बिलियन रियाल थी।