
हरिद्वार: तीर्थ सेवा न्यास ने हरिद्वार में विश्व सनातन महापीठ की स्थापना की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस महापीठ का अनुमानित बजट 500 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य सनातन धर्म की गौरवशाली पुनर्स्थापना, संत परंपरा का संरक्षण और वेद-धर्म-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है। न्यास के संरक्षक और परमाध्यक्ष बाबा हठयोगी महाराज के अनुसार, यह केवल एक तीर्थ स्थान नहीं, बल्कि एक युग निर्माण की योजना होगी, जहाँ सनातन धर्म का दर्शन, पराक्रम, परंपरा, विज्ञान और संस्कृति एक साथ जीवंत होंगे।
परियोजना का चरणबद्ध निर्माण और उद्घाटन
महापीठ का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण का अनुमानित बजट 300 करोड़ रुपये है, जबकि पूर्ण निर्माण व्यय 500 करोड़ प्रस्तावित है। भूमि पूजन का कार्यक्रम 21 नवम्बर 2025 को निर्धारित किया गया है।इसके बाद, गौ संरक्षण एवं यज्ञशाला का उद्घाटन 21 नवम्बर 2026 को होगा।महापीठ का भव्य उद्घाटन समारोह 22 फरवरी 2029 को आयोजित करने की योजना है।भूमि चयन के लिए एक समिति का गठन कर दिया गया है और जल्द ही भूमि का चयन कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
महापीठ की प्रमुख विशेषताएँ और प्रस्तावित निर्माण
विश्व सनातन महापीठ में कई महत्वपूर्ण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:
- 108 यज्ञशालाएँ: राष्ट्र कल्याण के लिए निरंतर यज्ञ और अनुष्ठान यहाँ संपन्न होंगे।
- वैदिक गुरुकुल: प्राचीन परंपरा के अनुसार शास्त्र, संस्कृत, वेद, आयुर्वेद और ज्योतिष जैसे विषयों की शिक्षा दी जाएगी।
- देशी गौ संरक्षण एवं शोध केंद्र: गोवंश के संरक्षण और पंचगव्य उत्पादों पर शोध को बढ़ावा दिया जाएगा।
- संत निवास: चारों शंकराचार्यों, सभी तेरह अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वरों और महंतों के लिए स्थायी निवास बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, 108 संत कुटियाँ और 1008 भक्त निवास भवन भी निर्मित होंगे।
- सनातन संसद: एक वातानुकूलित संसद परिसर का निर्माण किया जाएगा जहाँ हर साल ‘सनातन संसद’ का आयोजन होगा।
- शौर्य प्रशिक्षण केंद्र: इस केंद्र में हर साल एक लाख युवाओं को संस्कार और शौर्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार रहेंगे। यहाँ शस्त्र विद्या, आत्मरक्षा और सैन्य अनुशासन का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र: युवाओं को शिल्प, आयुर्वेद, कृषि, गौसेवा और डिजिटल सेवाओं में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- सनातन संग्रहालय और धर्म साहित्य भंडार: भारत की सांस्कृतिक धरोहर का संग्रह, संरक्षण और प्रचार किया जाएगा।
एक समावेशी मंच
न्यास के अध्यक्ष राम विशाल दास महाराज ने बताया कि महापीठ में सभी मत-पंथ-सम्प्रदायों के लिए प्रतिनिधित्व स्थल बनाए जाएंगे, जिससे यह सनातन धर्म की सभी धाराओं के लिए एक समावेशी केंद्र बन सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह महापीठ शास्त्र और शस्त्र दोनों को समान महत्व देगा, जहाँ यज्ञ से ऊर्जा, तप से शक्ति, सेवा से राष्ट्र निर्माण और सदाचार से समाज का निर्माण होगा।यह परियोजना न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विकास का केंद्र होगी, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।