उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर स्थित है. इसे तुंगनाथ मंदिर कहा जाता है. इस मन्दिर से जुडी एक मान्यता है कि यहाँ पर भगवान शिव के हृदय और उनकी भुजाओं की पूजा होती है। मान्यता है कि तुंगनाथ मंदिर को पांडवों ने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बनवाया था। कहा जाता है कि कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार को लेकर शिव जी पांडवों से नाराज थे, इसलिए उन्हें खुश करने के लिए इस सुंदर स्थान पर शिव शंभू का मंदिर बनवाया।
तुंगनाथ मंदिर को लेकर मान्यता है कि रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी। इसके अलावा जब भगवान राम ने रावण का वध किया, तब स्वयं को ब्रह्ममण हत्या के शाप से मुक्त करने के लिए उन्होंने इसी स्थान पर शिवजी की तपस्या की। तभी से इस स्थान का नाम ‘चंद्रशिला’ भी प्रसिद्ध हो गया। यह भी मान्यता है कि माता पार्वती ने भी शिव को पाने के लिए यहीं पर तपस्या की थी।