
देहरादून: भारत के राष्ट्रव्यापी आतंकवाद विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के परिप्रेक्ष्य में, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता को लेकर एक उच्च-स्तरीय आपात बैठक की अध्यक्षता की। शुक्रवार को राज्य सचिवालय में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए कड़े निर्देश जारी किए।
सीमा पर विशेष सतर्कता, सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा
बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, गृह सचिव शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ समेत अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य और आगामी तैयारियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से राज्य के सीमावर्ती जिलों में चौकसी बढ़ाने और खुफिया तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए हर स्तर पर पुख्ता तैयारी सुनिश्चित की जाए और सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात प्रशासनिक इकाइयों को अत्यधिक चौकस रखा जाए।
हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने का आह्वान
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सुरक्षा बलों के साथ-साथ राहत और बचाव दलों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की जा सके। इस पर मुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “प्रदेशवासियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम किसी भी आपात स्थिति का सामना करने और उसका त्वरित जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”
अफवाहों पर अंकुश, सूचना तंत्र सक्रिय रखने के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने इस संवेदनशील समय में अफवाहों के प्रसार को रोकने की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने सूचना विभाग को निर्देशित किया कि वे जनता तक सही समय पर और सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं, ताकि किसी भी प्रकार का भ्रम या भय न फैले।
आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश
इसके अतिरिक्त, सीएम धामी ने जनजीवन सामान्य बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए:
- स्वास्थ्य सेवाएं: सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाइयों, सर्जिकल उपकरणों और अन्य आवश्यक चिकित्सा संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
- खाद्य आपूर्ति: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को राज्य भर में, विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में, आवश्यक खाद्य सामग्री, राशन और स्वच्छ पेयजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को आपसी समन्वय बनाए रखते हुए कार्य करने और किसी भी सूचना को गंभीरता से लेने का आग्रह किया।