
देहरादून: उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने और कुशल ड्राइविंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स (ADTTs) का उद्घाटन किया। ये सुविधाएं मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड द्वारा अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) पहल के तहत विकसित की गई हैं।
नव स्थापित ADTTs को हाई-डेफिनिशन कैमरों और पूरी तरह से एकीकृत आईटी सिस्टम्स से लैस किया गया है, जिससे ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के लिए 100% कंप्यूटराइज्ड और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया संभव हो सकेगी। मानव हस्तक्षेप को पूरी तरह खत्म करते हुए ये परीक्षण केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के तहत सख्ती से संचालित किए जाएंगे। ये ट्रैक्स लाइट मोटर वाहन (LMV) और दोपहिया वाहनों के परीक्षण के लिए समर्पित होंगे।
इन दो नए केंद्रों के साथ अब उत्तराखंड में कुल तीन ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स हो गए हैं, जिनमें से देहरादून में स्थित ट्रैक 2019 से कार्यरत है। देहरादून ADTT को 2019–2020 में उत्कृष्टता और सुशासन के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया था।
इस अवसर पर परिवहन विभाग के सचिव बृजेश कुमार सन्त (आईएएस) ने कहा, “हम उत्तराखंड की सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और मारुति सुजुकी के ADTTs इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हमारी साझेदारी 2009 से है, जब देहरादून में ड्राइविंग और ट्रैफिक अनुसंधान संस्थान (IDTR) की स्थापना हुई थी। इन स्वचालित टेस्ट ट्रैक्स के माध्यम से हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि केवल वास्तव में योग्य चालक ही लाइसेंस प्राप्त करें।”
सचिव ने यह भी बताया कि राज्य सरकार और मारुति सुजुकी की साझेदारी के तहत हर वर्ष चारधाम यात्रा से पहले व्यावसायिक चालकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स भी आयोजित किए जाते हैं, जो खतरनाक पहाड़ी मार्गों को सुरक्षित रूप से पार करने और ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए अनिवार्य होते हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के कॉरपोरेट अफेयर्स के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर राहुल भारती ने उत्तराखंड सरकार का समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से विकास कर रहा है। कुशल चालक पर्यटन को बढ़ावा देने और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। हमारे ADTTs इन लक्ष्यों को पाने में मदद करेंगे, जिससे केवल सक्षम और तैयार उम्मीदवारों को ही ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष कंपनी की योजना अपने IDTR केंद्रों के माध्यम से लगभग 11,000 व्यावसायिक चालकों को रिफ्रेशर कोर्स के तहत प्रशिक्षित करने की है।
स्वचालित प्रणाली की कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के कारण शुरुआती दिनों में पास रेट में गिरावट देखी जाती है। उदाहरण के तौर पर, देहरादून ADTT का पास प्रतिशत वित्त वर्ष 2019–20 में घटकर 60% हो गया था, लेकिन अब यह बढ़कर 69% हो गया है, जो दर्शाता है कि आवेदक समय के साथ बेहतर तैयारी कर रहे हैं।