
देहरादून। उत्तराखंड ने डिजिटल पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए ई-विधानसभा प्रणाली की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र से पहले ई-विधानसभा एप्लीकेशन का शुभारंभ किया। इस पहल के तहत अब राज्य विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह से कागजरहित (Paperless) होगी, जिससे संसदीय प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
सीएम धामी बोले- नए युग की शुरुआत
इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा,
“उत्तराखंड के लोकतांत्रिक इतिहास में यह नया युग है। ई-विधानसभा न केवल संसदीय कार्यों को डिजिटल बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और प्रशासनिक पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगी। यह पहल राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।”
ई-विधानसभा से क्या बदलेगा?
✅ विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह डिजिटल होगी
✅ कागज की खपत में कमी, जिससे पर्यावरण को लाभ
✅ संसदीय प्रक्रियाएं पारदर्शी और प्रभावी होंगी
✅ विधायक अब अपने प्रश्न, प्रस्ताव, नोटिस और दस्तावेज डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत कर सकेंगे
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण का बयान
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने इसे उत्तराखंड को स्मार्ट, सक्षम और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि ई-नेवा (National e-Vidhan Application – NeVA) के माध्यम से संसदीय कार्यों में व्यापक सुधार होगा।
कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों की मौजूदगी
इस शुभारंभ समारोह में कैबिनेट मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे। सभी ने ई-विधानसभा प्रणाली को उत्तराखंड की डिजिटल प्रगति की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।
ई-विधानसभा एप्लीकेशन से उत्तराखंड की विधानसभा अब पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी होगी, जिससे प्रदेश की प्रशासनिक कार्यप्रणाली और अधिक प्रभावी बनेगी।