
देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश के पूर्वानुमान के बीच राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग द्वारा 2 सितंबर तक के लिए जारी ‘येलो अलर्ट’ के मद्देनजर आवश्यक सावधानी बरतने को कहा गया है। राज्य की कई प्रमुख नदियां चेतावनी और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) ने शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर सतर्क किया है। इसके अलावा, मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन द्वारा अगले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण जलभराव और बाढ़ के खतरे के पूर्वानुमान को देखते हुए 10 जिलों के जिलाधिकारियों को विशेष रूप से पत्र भेजा गया है। इनमें अल्मोड़ा, देहरादून, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ शामिल हैं। इन जिलों को बाढ़ की आशंका के चलते सभी आवश्यक सावधानियां बरतने और तैयारी रखने को कहा गया है।
खतरे के निशान को पार कर रहीं नदियां
लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश की लगभग सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) के दैनिक जल स्तर और पूर्वानुमान का हवाला देते हुए, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने देहरादून, हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और नैनीताल के जिलाधिकारियों को नदियों की स्थिति पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
इन नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर:
- देहरादून: सौंग व गंगा नदी
- श्रीनगर व रुद्रप्रयाग: अलकनंदा नदी
- नैनीताल: कोसी नदी (बेतालघाट में)
- पिथौरागढ़: रामगंगा, गौरी गंगा (बंगापानी में) और धौलीगंगा (कंज्योति में)
इन नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर:
- पिथौरागढ़: सरयू नदी
- टिहरी गढ़वाल: अगलार नदी
- पौड़ी व टिहरी गढ़वाल: अलकनंदा, भागीरथी व गंगा नदी
- रुद्रप्रयाग: अलकनंदा व मंदाकिनी नदी
प्रशासन ने इन नदियों के किनारे रहने वाले लोगों से विशेष रूप से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। सभी जिलों को आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।