
देहरादून: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार अपने कार्यकाल के पांचवें वर्ष में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक तोहफा देने जा रही है। प्रदेश की पहली ठोस “महिला नीति” का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत रोडमैप तैयार करना है।
क्या है उत्तराखंड महिला नीति 2025?
उत्तराखंड की नई महिला नीति एक व्यापक दस्तावेज है जिसे राज्य महिला आयोग, महिला एवं अधिकारिता विभाग और योजना विभाग ने मिलकर तैयार किया है। इस नीति का लक्ष्य महिलाओं को विकास के हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर अवसर प्रदान करना है, चाहे वह सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक क्षेत्र हो। यह नीति देश में एक मिसाल कायम कर सकती है, क्योंकि इसके तहत राज्य के 57 सरकारी विभाग मिलकर महिलाओं के समग्र विकास के लिए काम करेंगे।
नीति के प्रमुख स्तंभ:
- ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाना।
- बालिकाओं की शिक्षा में भागीदारी को बढ़ावा देना।
- महिलाओं के लिए सुरक्षित और अनुकूल माहौल सुनिश्चित करना।
- स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच और रोजगार के समान अवसर प्रदान करना।
- महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और कानूनी न्याय दिलाना।
धामी सरकार के महिला सशक्तिकरण के प्रयास
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने पिछले चार वर्षों में महिला कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो नई नीति की नींव को और मजबूत करते हैं:
- सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण: धामी सरकार ने उत्तराखंड की अधिवास (डोमिसाइल) वाली महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30% क्षैतिज आरक्षण को फिर से लागू किया है, जो 10 जनवरी 2023 से प्रभावी है।
- सहकारी समितियों में 33% आरक्षण: पंचायतों और निकायों के बाद अब सहकारी समितियों में भी महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया है, ताकि जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व को बढ़ावा मिल सके।
- स्वरोजगार योजनाएं: महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए “लखपति दीदी योजना”, “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना”, “एकल महिला स्वरोजगार योजना” और “महिला सारथी योजना” जैसी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं धरातल पर उतारी गई हैं।
- जेंडर बजट सेल: नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि महिला कल्याण के लिए निर्धारित 16.6% जेंडर बजट का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों में ‘जेंडर बजट सेल’ की स्थापना की जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है, “मातृशक्ति उत्तराखंड के समाज की रीढ़ की हड्डी है। हमारी सरकार का मानना है कि बिना महिलाओं को सशक्त किए समाज का आगे बढ़ना मुश्किल है, इसलिए महिलाओं को समर्पित कई योजनाएं संचालित हो रही हैं, जो आगे चलकर गेम चेंजर साबित होंगी।”
यह नई महिला नीति उत्तराखंड की महिलाओं के लिए एक नए युग की शुरुआत करने का वादा करती है, जिसमें उनके समग्र विकास, सुरक्षा और सम्मान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।