देहरादून: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार अपने कार्यकाल के पांचवें वर्ष में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक तोहफा देने जा रही है। प्रदेश की पहली ठोस “महिला नीति” का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत रोडमैप तैयार करना है।
उत्तराखंड की नई महिला नीति एक व्यापक दस्तावेज है जिसे राज्य महिला आयोग, महिला एवं अधिकारिता विभाग और योजना विभाग ने मिलकर तैयार किया है। इस नीति का लक्ष्य महिलाओं को विकास के हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर अवसर प्रदान करना है, चाहे वह सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक क्षेत्र हो। यह नीति देश में एक मिसाल कायम कर सकती है, क्योंकि इसके तहत राज्य के 57 सरकारी विभाग मिलकर महिलाओं के समग्र विकास के लिए काम करेंगे।
नीति के प्रमुख स्तंभ:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने पिछले चार वर्षों में महिला कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो नई नीति की नींव को और मजबूत करते हैं:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है, “मातृशक्ति उत्तराखंड के समाज की रीढ़ की हड्डी है। हमारी सरकार का मानना है कि बिना महिलाओं को सशक्त किए समाज का आगे बढ़ना मुश्किल है, इसलिए महिलाओं को समर्पित कई योजनाएं संचालित हो रही हैं, जो आगे चलकर गेम चेंजर साबित होंगी।”
यह नई महिला नीति उत्तराखंड की महिलाओं के लिए एक नए युग की शुरुआत करने का वादा करती है, जिसमें उनके समग्र विकास, सुरक्षा और सम्मान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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