
देहरादून: उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। विद्युत नियामक आयोग ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की बिजली दरों में बढ़ोतरी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। आयोग ने यूपीसीएल की याचिका को निराधार बताया है, जिससे फिलहाल प्रदेश में बिजली महंगी नहीं होगी।
यूपीसीएल ने अपनी याचिका में 63 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए यूपीसीएल ने 919 करोड़ रुपये की वसूली का आधार बनाया था। इस याचिका पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई हुई, जिस दौरान आम उपभोक्ताओं और उद्योगपतियों ने इसका विरोध किया था। उद्यमियों का कहना था कि उद्योगपति लगातार अपनी समस्याओं को उठा रहे हैं, लेकिन समाधान के बजाय हर साल बिजली की दरें बढ़ जाती हैं।
आयोग ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यूपीसीएल की दलीलों को पर्याप्त नहीं माना और पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले से प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है, जिन्हें फिलहाल बढ़ी हुई दरों का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस साल अप्रैल में बिजली की दरों में वृद्धि की गई थी। इसके अलावा, फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (FPPCA) के तहत समय-समय पर बिजली की दरों में मामूली बदलाव होते रहते हैं। सितंबर महीने के लिए भी FPPCA के तहत बिजली की दरों में आठ पैसे से 33 पैसे प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी की गई है।