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उत्तराखंड के सहस्त्रताल ट्रैक पर अचानक बर्फबारी से चार ट्रैकर्स की मौत,18 अन्य भी फंसे, सात की तबीयत खराब

देहरादून:उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर करीब 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल ट्रैक पर गए 22 सदस्यीय दल के ट्रैकर्स को अचानक बर्फबारी और घने कोहरे के बीच फंस जाने से चार ट्रैकर्स की मौत हो गई। इसके साथ ही 18 और ट्रैकर्स फंस गए हैं और सात की तबीयत खराब है, जबकि 11 ट्रैकर्स वहां फंसे हुए हैं। ये घटना उन्होंने रात भर ठंड में बिताई। ट्रैकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को दी।

29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए। वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रैकर फंस गए। पूरी रात उन्हें ठंड में बितानी पड़ी। ट्रैकर्स में से किसी ने इसकी सूचना दल को ले जाने वाली गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को दी। बताया कि ठंड लगने से चार ट्रैकर की मौत हो गई है जबकि सात की तबीयत खराब है और 11 वहां फंसे हुए हैं।

इसके बाद ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक ने अपने ट्रैकिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों को सूचना दी। एसोसिएशन ने जिला आपदा प्रबंधन विभाग को इसके बारे में बताया और ट्रैकर्स को सुरक्षित निकालने की मांग की। प्रशासन ने रेस्क्यू के लिए व्यवस्थाएं जुटानी शुरू कर दी हैं।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि चार ट्रैकर्स की मौत और अन्य ट्रैकर्स के फंसने की सूचना मिली है। ट्रैकिंग टीम में कर्नाटक के 18, महाराष्ट्र का एक और तीन स्थानीय लोग शामिल थे। एसडीआरएफ रेस्क्यू के लिए रवाना हो चुकी हैं।

अचानक मौसम खराब होने के कारण घने कोहरे और बर्फबारी के बीच यह दल फंस गया

सहस्रताल ट्रैक लगभग 14500 फीट की ऊंचाई पर है। 29 मई को एक 22 सदस्यीय दल रवाना हुआ था। इस 22 सदस्यीय दल में कर्नाटक के 18, महाराष्ट्र का 1 और 3 स्थानीय गाइड शामिल थे। ये लोग मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए गयए थे। 2 जून को यह दल सहस्त्रताल की कोखली टॉप बेस कैंप पर पहुंच गया था।इस ट्रैकिंग दल को 7 जून तक वापस लौटना था। ट्रेकिंग के दौरान अचानक मौसम खराब होने के कारण घने कोहरे और बर्फबारी के बीच यह दल फंस गया। वहां पर समुचित व्यवस्था न होने के कारण ट्रैकर्स को पूरी रात ठंड में बितानी पड़ी। इस कारण ठंड लगने से चार ट्रैक्टर्स की मौत हो गई। ट्रैक पर गए दल को ले जाने वाली ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक ने अपने संगठन के पदाधिकारी को ट्रैकर्स की मौत के बारे में सूचना दी। साथ यह भी बताया कि 18 ट्रैक्टर्स अभी भी उच्च हिमालयी क्षेत्र में फंसे हुए हैं। इनमें से सात ट्रैक्टर्स की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

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