
देहरादून/उत्तरकाशी: उत्तराखंड में मानसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 67 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं।यमुनोत्री घाटी में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां ओजरी के पास हाईवे का एक बड़ा हिस्सा बह जाने से यातायात ठप है। प्रशासन ने हालांकि, यातायात सुचारू करने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है और ओजरी में एक बैली ब्रिज का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, प्रदेश भर में सड़कें बंद होने का सिलसिला जारी है। उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे समेत 11 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। इसके अलावा चमोली में एक राज्य मार्ग सहित 21, बागेश्वर में 11, पिथौरागढ़ में 6, रुद्रप्रयाग में 4, पौड़ी और टिहरी में तीन-तीन, नैनीताल और देहरादून में दो-दो तथा अल्मोड़ा में एक राजमार्ग और एक ग्रामीण सड़क मलबे के कारण अवरुद्ध है।

ओजरी में 24 मीटर लंबे बैली ब्रिज का निर्माण जारी
यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी में 28 जून को सड़क का करीब 15 मीटर हिस्सा एक गदेरे (स्थानीय नाला) के उफान में बह गया था।इसके बाद से ही यमुनोत्री धाम का संपर्क देश के बाकी हिस्सों से लगभग कट गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने यहां करीब 24 मीटर लंबा बैली ब्रिज बनाने का निर्णय लिया।ऋषिकेश से पुल का सामान मौके पर पहुंचा दिया गया है और मौसम साफ रहने पर निर्माण कार्य में तेजी लाई गई है। अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में पुल तैयार कर यातायात बहाल कर दिया जाएगा।
प्रशासन की अपील और मौसम का पूर्वानुमान
जिला प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और बंद सड़कों को खोलने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।स्यानाचट्टी में भी यमुना नदी में बनी कृत्रिम झील के मुहाने से मलबा हटाने का काम जारी है। इस बीच, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।रुद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर और देहरादून में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जिससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं।प्रशासन ने लोगों से, विशेषकर चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।