
देहरादून, 2 अगस्त, 2025
उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। प्रदेश के 12 जिलों में हुए जिला पंचायत सदस्य की 358 सीटों के नतीजों में भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि, पार्टी अपने दम पर बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई है, जिससे अब जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में निर्दलीय सदस्यों की भूमिका अहम हो गई है।
चुनाव परिणामों के अनुसार, भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, कुछ अन्य रिपोर्टों के अनुसार, भाजपा के आधिकारिक तौर पर 101 उम्मीदवार जीते हैं और 23 भाजपा समर्थित उम्मीदवार विजयी हुए हैं, जिससे यह आंकड़ा कुल 124 पर पहुँचता है। इन चुनावों में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदर्शन में भी भिन्नता देखने को मिली है। एक ओर जहां कांग्रेस समर्थित 83 उम्मीदवारों की जीत का दावा किया जा रहा है, वहीं अन्य स्रोतों के अनुसार कांग्रेस ने कुल 94 से 106 सीटों पर जीत दर्ज की है।
इस चुनाव की एक महत्वपूर्ण बात बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत है।कई जिलों में निर्दलीय प्रत्याशी किंगमेकर की भूमिका में उभरकर सामने आए हैं और उनके समर्थन के बिना जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं होगा।
चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजयी प्रत्याशियों को बधाई दी है और प्रदेश के विकास के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया है। यह चुनाव हरिद्वार जिले को छोड़कर राज्य के बाकी 12 जिलों में संपन्न हुए थे।
कुल मिलाकर, उत्तराखंड के पंचायत चुनावों में भाजपा ने अपनी बढ़त तो दिखाई है, लेकिन कई जिलों में जिला पंचायतों की सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथ में रहेगी, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक समीकरण और भी दिलचस्प होने की उम्मीद है।