
क्या आप जानते हैं कि गणेश चतुर्थी सिर्फ 10 दिन की ही क्यों होती है?
इसका संबंध महाभारत से जुड़ी एक रोचक कथा से है। कहा जाता है कि महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना करने का निश्चय किया। उन्हें अपने विचारों को निरंतर और बिना रुके लिखने वाला लेखक चाहिए था। इस कठिन कार्य के लिए उन्होंने भगवान गणेश से प्रार्थना की।
गणेश जी ने शर्त रखी—वेदव्यास जी को बिना रुके लगातार बोलते रहना होगा, तभी वे महाभारत लिखेंगे। वेदव्यास जी ने चुनौती स्वीकार की और लेखन कार्य प्रारंभ हुआ।
लेखन कार्य गणेश चतुर्थी के दिन शुरू हुआ और दस दिनों तक लगातार चला। इतने लंबे समय तक दिन-रात लिखते रहने से गणेश जी का शरीर अत्यधिक गर्म हो गया। जब महाभारत का लेखन पूरा हुआ, तो वेदव्यास जी ने उन्हें ठंडा करने के लिए नदी में स्नान कराया।
यहीं से गणेश चतुर्थी के दस दिन मनाने की परंपरा शुरू हुई। और दसवें दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है, ताकि उनकी कृपा और आशीर्वाद हमेशा हमारे जीवन में बनी रहे।