
पेरिस: फ्रांस और अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज AI एक्शन समिट में भाग लिया, जहां उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रभाव पर महत्वपूर्ण विचार रखे। इस दौरान उन्होंने खासतौर पर AI के कारण नौकरियों पर संभावित असर पर चर्चा की।
पीएम मोदी के इस बयान की अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने सराहना की। वेंस ने कहा कि वह मोदी की टिप्पणियों से पूरी तरह सहमत हैं और मानते हैं कि AI मानव श्रम को प्रतिस्थापित करने के बजाय उसे और अधिक सक्षम बनाएगा।
क्या कहा पीएम मोदी ने?
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि AI के कारण नौकरियों का खत्म होना सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि हर नई तकनीक के साथ काम की प्रकृति बदलती है और नए अवसर पैदा होते हैं। उन्होंने कहा,
“हमें AI-संचालित भविष्य के लिए अपने लोगों को कुशल बनाने और उन्हें दोबारा प्रशिक्षित करने में निवेश करने की जरूरत है।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने क्या कहा?
पीएम मोदी के विचारों की सराहना करते हुए वेंस ने कहा,
“मैं प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों से पूरी तरह सहमत हूं। AI लोगों के लिए सहायक साबित होगा और उनकी उत्पादकता को बढ़ाएगा, न कि उनकी जगह लेगा।”
AI का भविष्य और भारत की भूमिका
पीएम मोदी ने AI के व्यावहारिक उपयोग पर एक उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई मेडिकल रिपोर्ट AI ऐप पर अपलोड करता है, तो यह बिना किसी तकनीकी शब्दजाल के रिपोर्ट को सरल भाषा में समझाने में सक्षम होगा।
उन्होंने आगे कहा कि भारत अपने अनुभव और क्षमताओं को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिए तैयार है ताकि AI का भविष्य सभी के लिए लाभकारी हो।
AI से नौकरियों पर खतरा या नए अवसर?
पीएम मोदी ने उन आशंकाओं को भी खारिज करने की कोशिश की, जिनमें कहा जाता है कि AI वर्कफोर्स में दखल देगा और बड़े पैमाने पर नौकरियों को खत्म करेगा। उनका मानना है कि तकनीकी प्रगति से काम खत्म नहीं होते, बल्कि उनका स्वरूप बदल जाता है और नई नौकरियां उत्पन्न होती हैं।
AI को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच पीएम मोदी का यह दृष्टिकोण तकनीकी नवाचार और रोजगार के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।