उत्तराखंड में सामूहिक कन्या विवाह योजना शुरू होगी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की राह पर धामी सरकार पर भी चलेगी।

देहरादून:धामी सरकार प्रदेश में गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में सहयोग करेगी। इसके लिए राज्य सरकार सामूहिक कन्या विवाह योजना का प्रस्ताव तैयार कर रही है। उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में सरकार सहयोग प्रदान करेगी। इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ रखा गया है, जो उत्तरप्रदेश में पहले से लागू ‘सामूहिक कन्या विवाह योजना’ की तर्ज पर आधारित है।
मुख्य सचिव द्वारा बुधवार को आयोजित बैठक में इस योजना के प्रस्ताव पर चर्चा की गई और इसका प्रस्तुतिकरण हुआ। इस बैठक में वित्त विभाग, पंचायती राज विभाग, शहरी विकास, ग्राम्य विकास, श्रम विभाग, महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
इस योजना के माध्यम से, सरकार उन बेटियों के विवाह के सपनों को साकार करने में मदद करेगी, जिनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं। यह योजना न केवल उनके विवाह को संभव बनाएगी, बल्कि समाज में समानता और सशक्तिकरण की दिशा में भी एक कदम होगी।
योजना को राज्य में लागू करने के निर्देश दिए
योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में बाल विवाह जैसे आसामाजिक कृत्यों को रोकना, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना और ऐसे परिवारों की मदद करना जो गरीबी के कारण अपनी कन्या का विवाह अच्छे ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। उत्तरप्रदेश में यह योजना शुरू हो चुकी है। वहां योजना के तहत उन्हीं परिवारों को पात्र माना जाता है जिनकी सालाना आय दो लाख रुपये है।
वहां सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति युगल 51 हजार रुपये खर्च का प्रावधान है, जिसमें 35 हजार रुपये वधू को दांपत्य जीवन, गृहस्थी शुरू करने के लिए उसके बैंक खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं। 10 हजार रुपये की उपहार सामग्री वर-वधू को विवाह के अवसर पर दी जाती है। 6000 रुपये समारोह के आयोजन के लिए खर्च होते हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इस योजना को राज्य में लागू करने के निर्देश दिए थे।