
देहरादून: बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अधीन आने वाले मंदिरों में भोग, प्रसाद और दान की खरीद के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी। इस संबंध में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बीकेटीसी के अंतर्गत बदरीनाथ, केदारनाथ धाम समेत 47 मंदिर आते हैं। बैठक में अजेंद्र अजय ने जोर दिया कि मंदिरों में भोग-प्रसाद की शुद्धता और गरिमा पूर्व की भांति बनी रहनी चाहिए।
इसके लिए समय-समय पर मंदिरों में लगने वाले भोग और प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता पर निगरानी रखी जाएगी। बैठक में मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में प्रसाद में सूखे पदार्थों का उपयोग किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि भोग सामग्री मुख्य रूप से दानी दाताओं से प्राप्त की जाती है, जिससे इसकी शुद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मंदिर परिसर से बाहर प्रसाद बेचने वालों के खाद्य लाइसेंस का पंजीकरण और खाद्य पदार्थों के भंडारण को लेकर कार्रवाई की जाएगी। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के उपायुक्त जीसी कंडवाल ने कहा कि मंदिरों में भोग और प्रसाद की आपूर्तिकर्ता के खाद्य लाइसेंस की वैधता की प्रमाणिकता की जांच की जाएगी।
इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि मसाले, तेल और घी को खरीदते समय भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के लाइसेंस और एगमार्क की संस्थाओं के लोगो की प्रमाणिकता की जांच में अधिक सतर्कता बरती जाएगी। “ईट राइट इंडिया” अभियान के तहत भोग-प्रसाद बनाने वालों को खाद्य संरक्षा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बैठक में एसआईएफडीए के विजिलेंस अधिकारी जगदीश रतूड़ी, कुलदीप नेगी और अन्य भी मौजूद थे।