
भारत का खो-खो में विश्वविजय: इंडिया की महिला खो-खो टीम ने 19 जनवरी, रविवार को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में इतिहास रचते हुए पहला खो-खो वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम कर लिया। शानदार गति, रणनीति और कौशल के प्रदर्शन के साथ, वूमेन इन ब्लू ने रोमांचक फाइनल में नेपाल को 78-40 के बड़े अंतर से हराकर जीत दर्ज की। वहीं, भारतीय पुरुष टीम ने भी इतिहास रचते हुए नेपाल को 54-36 से हराकर खो-खो वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया।
महिला टीम की ऐतिहासिक जीत
भारतीय महिला टीम ने शुरुआत से ही मैच पर अपना दबदबा बना लिया। पहले टर्न में भारतीय खिलाड़ियों ने आक्रामक खेल दिखाते हुए मात्र तीन बैचों में नेपाल की सात खिलाड़ियों को आउट कर 14 अंक अर्जित किए। कप्तान प्रियंका इंगले ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कई टच पॉइंट्स हासिल किए। भारतीय टीम की लगातार बढ़ती प्रेशर से नेपाल एक भी ड्रीम रन शुरू नहीं कर पाया। इस प्रदर्शन ने भारत को 34 अंकों की बढ़त दिलाई और जीत की नींव रखी।
टर्न 2 में नेपाल ने वापसी की कोशिश की, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों की चपलता के आगे टिक नहीं पाए। मन्मति धामी ने वैष्णवी पवार को आउट किया, और संजना बी ने प्रियंका इंगले को बाहर किया। इसके बावजूद चैत्रा बी ने भारत के पहले बैच को ड्रीम रन में ले जाकर नेपाल की उम्मीदों को झटका दिया।
टर्न 3 और टर्न 4 में भारतीय टीम ने एक बार फिर से अपना वर्चस्व दिखाया। चैत्रा बी ने निर्णायक ड्रीम रन किया, जिससे स्कोर 78 अंकों तक पहुंच गया। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ, भारत पहली बार खो-खो वर्ल्ड कप चैंपियन बन गया।
पुरुष टीम का दबदबा
पुरुष टीम ने भी नेपाल को फाइनल में 54-36 के बड़े अंतर से हराकर खिताब पर कब्जा किया। कप्तान प्रतीक वाइकर और टूर्नामेंट के स्टार खिलाड़ी रामजी कश्यप ने अद्भुत प्रदर्शन किया।
पहले टर्न में रामजी कश्यप के बेहतरीन स्काई डाइव ने नेपाल के सूरज पुजारा को आउट किया। इसके बाद, सुयश गर्गटे ने भरत साहू को छूकर टीम को शानदार शुरुआत दिलाई। पहले टर्न के अंत में भारत ने 26-0 की बढ़त बना ली।
टर्न 3 में भारत ने पूरी मजबूती से खेलते हुए नेपाल के डिफेंडर्स को दबाव में रखा। प्रतीक वाइकर और रामजी कश्यप के शानदार स्काई डाइव और अडिग प्रदर्शन ने स्कोर को 54-18 तक पहुंचा दिया। अंतिम टर्न में, नेपाल ने वापसी की कोशिश की लेकिन भारतीय डिफेंस, जिसमें सचिन भार्गव (चिंगारी), मेहुल, और सुमन बर्मन शामिल थे, ने नेपाल को रोक दिया और भारत की जीत सुनिश्चित की।
खेल का वैश्विक मंच पर उदय
यह ऐतिहासिक टूर्नामेंट कई प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति में आयोजित हुआ, जिनमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सुप्रीम कोर्ट के जज श्री पंकज मित्थल, और केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू शामिल थे। इस उपलब्धि ने खो-खो को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और इसे ओलंपिक खेलों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बना दिया।
भारत की इस अद्वितीय सफलता ने इस देशज खेल को न केवल नई पहचान दिलाई बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर भारतीय खेल की ताकत का प्रतीक बना दिया।