Categories: Tech World

Meta ने बंद किया थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम: गलती स्वीकार की, जानिए भारत पर क्या पड़ेगा असर

फेसबुक और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी Meta ने अपने थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम को बंद करने का ऐलान कर दिया है। यह चौंकाने वाला फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पहले लिया गया। मेटा अब एक नया कम्युनिटी ड्रिवन सिस्टम, कम्युनिटी नोट्स, लाने की तैयारी कर रही है।

फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम की जगह लेगा कम्युनिटी नोट्स मॉडल

मेटा ने यह फैसला लेते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम की कुछ कमियां सामने आईं। इनमें पक्षपात और पूर्वाग्रह जैसे मुद्दे प्रमुख रहे, जिससे राजनीतिक और सामाजिक कंटेंट पर असर पड़ा। कंपनी अब कम्युनिटी नोट्स नामक एक क्राउड-सोर्स फैक्ट-चेकिंग मॉडल पर काम कर रही है, जो एलन मस्क के माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर उपलब्ध मॉडल से प्रेरित है।

मेटा के नए सिस्टम का क्या है उद्देश्य?

Meta के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इस बदलाव का कारण बताते हुए कहा कि सामाजिक और राजनीतिक बदलावों के बीच फ्री स्पीच को बढ़ावा देना जरूरी है। नया सिस्टम यूजर्स को यह तय करने का अधिकार देगा कि कौन-सी पोस्ट भ्रामक हो सकती है। इसमें यूजर्स किसी पोस्ट पर नोट्स लिखने और रेट करने की सुविधा भी पाएंगे, जिससे भ्रामक सामग्रियों की पहचान अधिक पारदर्शिता के साथ हो सकेगी।

थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम: 9 साल का सफर

2016 में फेसबुक के नाम से मशहूर Meta ने पहली बार गलत सूचनाओं पर लगाम लगाने के लिए फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम शुरू किया था। यह प्रोग्राम इंटरनेशनल फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क से सर्टिफाइड स्वतंत्र संगठनों के साथ मिलकर काम करता था। हालांकि, Meta ने स्वीकार किया कि इसका मौजूदा मॉडल जटिल है और इसमें कई त्रुटियां थीं, जिससे भ्रामक सामग्रियों को पूरी तरह रोकने में समस्या हो रही थी।

Meta की माफी और नई शुरुआत

मार्क जुकरबर्ग ने एक वीडियो में यह स्वीकार किया कि कंपनी ने कंटेंट मॉडरेशन के लिए जो सिस्टम तैयार किया, उसमें कई गलतियां हुईं। इसकी वजह से फ्री स्पीच पर प्रतिबंध लगने की शिकायतें बढ़ीं। उन्होंने कहा, “अब हम अपनी रूट्स की तरफ लौट रहे हैं और पहले की गलतियों को नहीं दोहराएंगे।”

भारत पर क्या होगा असर?

Meta ने फिलहाल कहा है कि यह बदलाव केवल अमेरिका में लागू होगा, लेकिन भारत पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। भारत, Meta का सबसे बड़ा फैक्ट-चेकिंग बाजार है, जहां कंपनी 15 भाषाओं में 11 स्वतंत्र और सर्टिफाइड फैक्ट-चेकिंग संगठनों के साथ काम करती है।

चिंताएं और चुनौतियां:

  • भ्रामक सामग्रियों का खतरा: विशेषज्ञों का मानना है कि थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम बंद होने से गलत सूचनाओं का प्रसार तेजी से हो सकता है।
  • सामान्य यूजर्स की सीमाएं: अधिकांश यूजर्स के पास भ्रामक कंटेंट की पहचान करने के लिए जरूरी संसाधन और विशेषज्ञता नहीं होती।
  • फैक्ट-चेकिंग संगठनों पर असर: भारत में फैक्ट-चेकिंग के क्षेत्र में काम करने वाले कई संगठन Meta की फंडिंग पर निर्भर थे। इस फैसले से उनकी स्थिरता पर असर पड़ सकता है।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में इस बदलाव का सीमित प्रभाव पड़ेगा क्योंकि कंपनी ने अपने रणनीति को बदलते हुए नए तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं।

क्या लाएगा कम्युनिटी नोट्स मॉडल?

मेटा का यह नया सिस्टम यूजर्स को अधिक अभिव्यक्ति का अधिकार देगा, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मेटा का यह प्रयास गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने में सफल होता है या नई चुनौतियां खड़ी करता है।

Meta के इस फैसले को लेकर दुनिया भर में बहस जारी है। जहां कुछ इसे फ्री स्पीच को बढ़ावा देने वाला कदम मानते हैं, वहीं अन्य इसे जिम्मेदार फैक्ट-चेकिंग के अंत की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। भारत में इस फैसले का असर आने वाले महीनों में स्पष्ट होगा।

Tv10 India

Recent Posts

देहरादून में जल प्रलय: बचाव कार्य जारी, मुख्यमंत्री धामी ने संभाला मोर्चा

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार देर रात हुई विनाशकारी बारिश…

15 hours ago

कर्ण का पूर्वजन्म: सहस्र कवच वाला असुर दंभोद्भवा | महाभारत रहस्य

सतयुग में दंभोद्भवा नामक एक असुर था, जिसे लोग दुरदुंभ भी कहते थे। उसने सहस्त्रों…

1 day ago

केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा आज से फिर शुरू, खराब मौसम बना तो नहीं मिलेगी उड़ान की अनुमति

देहरादून: श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। लगभग तीन महीने तक बंद रहने…

2 days ago

उत्तराखंड भाजपा की नई टीम घोषित: युवा चेहरों पर भरोसा, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने पर जोर

 Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2027 में जीत की हैट्रिक…

2 days ago

उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी, देहरादून समेत चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिसके चलते मौसम विभाग ने…

2 days ago

मॉरीशस के प्रधानमंत्री का उत्तराखंड दौरा संपन्न, मुख्यमंत्री धामी ने दी भावभीनी विदाई

Uttarakhand:मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम उत्तराखंड के अपने चार दिवसीय दौरे के बाद…

2 days ago