नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को पांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। इसमें राजकोट (गुजरात), बठिंडा (पंजाब), रायबरेली (उत्तर प्रदेश), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) और मंगलागिरी (आंध्र प्रदेश) का एम्स शामिल है। इस दौरान पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, “एक समय था, जब देश के सारे प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली में ही होकर रह जाते थे। मैं भारत सरकार को दिल्ली से बाहर निकालकर देश के कोने-कोने में पहुंचा दिया। आज का यह कार्यक्रम भी इसी बात का गवाह है। आज इस एक कार्यक्रम से देश के अनेकों शहरों में विकास कार्यों का, लोकार्पण का और शिलान्यास होना, एक नई परंपरा को आगे बढ़ा रहा है।”
पीएम मोदी ने कहा, “मेरे जीवन का कल एक विशेष दिन था। मेरी चुनावी यात्रा की शुरूआत में राजकोट की बड़ी भूमिका है। 22 साल पहले 24 फरवरी को ही राजकोट ने पहली बार मुझे आशीर्वाद दिया था, अपना एमएलए चुना था और आज 25 फरवरी के दिन पहली बार राजकोट के विधायक के तौर पर गांधीनगर विधानसभा में शपथ ली थी।”
पीएम मोदी ने कहा, “जहां दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती है, मोदी की गारंटी वहीं से शुरू हो जाती है। भारत ने कोरोना को कैसे हराया…इसकी चर्चा पूरी दुनिया में होती है। हम ये इसलिए कर पाए कि बीते 10 वर्षों में भारत का हेल्थकेयर सिस्टम पूरी तरह बदल गया है। आज देश कह रहा है- मोदी का गारंटी यानी, गारंटी पूरा होने की गारंटी।”
इसके पहले पीएम मोदी ने गुजरात के राजकोट में रोड शो किया। लोगों ने पीएम पर फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं, जिन्होंने कार्यक्रम स्थल पर जाते समय समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिनंदन किया। ‘मोदी, मोदी’ के नारों के बीच सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग खड़े थे।
पीएम मोदी ने रविवार सुबह गुजरात के प्रसिद्ध भगवान कृष्ण मंदिर द्वारकाधीश में पूजा-अर्चना की। गुजरात में गोमती नदी और अरब सागर के मुहाने पर स्थित, राजसी द्वारकाधीश मंदिर वैष्णवों, द्वारकाधीश मंदिर चार धामों में से एक है।
इससे पहले दिन में, पीएम ने गुजरात में ओखा मुख्य भूमि और बेयट द्वारका को जोड़ने वाले लगभग 2.32 किमी लंबे देश के सबसे लंबे केबल-आधारित पुल सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया। पीएम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज सुदर्शन सेतु का उद्घाटन करते हुए खुशी हो रही है, एक पुल जो भूमि और लोगों को जोड़ता है। यह विकास और प्रगति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में जीवंत रूप से खड़ा है।”
पहले ‘सिग्नेचर ब्रिज’ के नाम से जाने जाने वाले इस पुल का नाम बदलकर ‘सुदर्शन सेतु’ या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है। बेयट द्वारका ओखा बंदरगाह के पास एक द्वीप है, जो द्वारका शहर से लगभग 30 किमी दूर है, जहां भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर स्थित है।
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