Web Stories

भारत से हजारों किलोमीटर दूर, ‘अयोध्या’: एक और ‘अयोध्या’ की रहस्यमयी कहानी

अयोध्या: आज हम आपको भारत से 3,500 किलोमीटर दूर स्थित ‘अयोध्या’ की सैर पर ले चलते हैं। जैसे सरयू नदी के किनारे बसी अयोध्या, वैसे ही यह अयोध्या Chao Praya नदी के तट पर स्थित है। यह अयोध्या थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से मात्र 80 किलोमीटर की दूरी पर है। थाईलैंड की इस अयोध्या की स्थापना सन् 1350 ईस्वी में राजा उद्धिबोधी 1 (जिन्हें राजाधिपति के रूप में जाना जाता था) द्वारा की गई थी। थाईलैंड में उन्हें ऊ थोंग के नाम से भी जाना जाता है।

माना जाता है कि ऊ थोंग को अयोध्या की जानकारी रामायण से मिली थी। रामायण से वो इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अयोथ्या नाम की पूरी एक नगरी ही बसा दी। हालांकि, रामायण की अयोध्या जब थाईलैंड पहुंची तो अयोथ्या बन गई। थाईलैंड की इस अयोथ्या का आधिकारिक नाम Phra Nakhon Si Ayutthaya है और लंबे समय तक ये Siamese Kingdom की राजधानी रही। आज ये एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। इतना ही नहीं, हिंदू संस्कृति और भगवान राम के पद चिन्ह पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में देखने को मिलते हैं। थाईलैंड भले ही एक बौद्ध बहुल देश हो लेकिन राम का यहां की संस्कृति में क्या महत्व है, इस बात का प्रतीक थाईलैंड के नेशनल म्यूजियम के मुख्य द्वार पर लगी भगवान राम की भव्य मूर्ति है।

दक्षिण पूर्व एशिया के हर देश में रामायण का अपना एक संस्करण है। थाईलैंड में रामायण को रामकियेन कहा जाता है, तो लाओस पीडीआर में भी शैडो पपेट्री के जरिए लाओ रामायण को दर्शाया जाता है। थाईलैंड में कक्षा 10 तक बच्चों को स्कूल में रामायण पढ़ाई जाती है। भारत की रामलीला की तरह थाईलैंड में भी खोन (थाईलैंड की रामलीला) का मंचन किया जाता है। खोन की रचना मौजूदा चकरी राजपरिवार के संस्थापक रामा 1 ने की थी। थाईलैंड का राजपरिवार हर साल 30 दिनों तक खोन के मंचन का आयोजन करवाता है। फिलहाल थाईलैंड में चकरी राजघराने का शासन है और इस राजघराने के राजा रामा टाइटल का इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल रामा 10 थाईलैंड के राजा हैं।

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में भी थाईलैंड की इन तीन नदियों- चाओ फ्राया, लोप बुरी और पा सक से जल और मिट्टी को भारत भेजा गया था। माना जाता है कि लोप बुरी नदी का नाम भगवान राम के पुत्र लव के नाम पर रखा गया था। भारत की तरह थाईलैंड में भी कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। लॉय क्राथोंग को थाईलैंड का रोशनी का त्योहार माना जाता है। 

अनीता बोस जो रामायण फ़ुटप्रिंट्स इन साउथ-ईस्ट एशियन कल्चर एंड हेरिटेज की लेखिका हैं, बताती हैं कि दक्षिण पूर्व एशिया की हर देश की अपनी रामायण है। फिलिपीन में तीन तरह की रामायण हैं तो वहीं बर्मा में 13 तरह की रामायण हैं। थाईलैंड के राजा राम के नाम पर शपथ लेते हैं। थाईलैंड की रामलीला रॉयल खोन का टिकट खुलते ही खत्म हो जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अयोथ्या को वेनिस ऑफ द ईस्ट बोलते थे क्योंकि ये काफी समृद्ध किंगडम थी और सरयू की तरह ये भी एक नदी से घिरी हुई थी।

Tv10 India

Share
Published by
Tv10 India

Recent Posts

वर-वधू को आशीर्वाद देने पंचूर पहुंचे राज्यपाल और सीएम धामी

ऋषिकेश: उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह व सीएम पुष्कर सिंह धामी पंचूर…

8 hours ago

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की 48 सीटों पर जीत, देखें पूरी लिस्ट

नई दिल्ली: इन 48 सीटों पर जीती भाजपा, यहां देखें पूरी लिस्ट दिल्ली विधानसभा चुनाव…

8 hours ago

उत्तराखंड में UCC लागू – सीएम धामी का बड़ा बयान

उत्तराखंड: सीएम धामी बोले- UCC लागू कर अपना वादा पूरा किया, सभी को मिलेगा समानता…

1 day ago

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का बजट पर बयान – टैक्स रिलीफ का प्रभाव

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का बजट को लेकर आया ये बयान, टैक्स रिलीफ पर जानें…

1 day ago

38th National Games: सीएम धामी बोले – राष्ट्रीय खेल भावी पीढ़ी के लिए मील का पत्थर

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन…

2 days ago

IND vs ENG 1st ODI: रवींद्र जडेजा ने रचा इतिहास, इंटरनेशनल क्रिकेट में 600 विकेट लेने वाले छठे भारतीय बने

IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच नागपुर में खेले जा रहे पहले वनडे…

2 days ago