देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गहरा लगाव एक बार फिर देखने को मिला, जब वे आपदा प्रभावितों का दुख-दर्द बांटने उनके बीच पहुंचे। गुरुवार को अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने विभिन्न जिलों से आए 22 आपदा पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान जब पीड़ितों ने अपनी आपबीती सुनाई, तो प्रधानमंत्री भी अपने आंसू नहीं रोक सके और कई मौकों पर उनकी आंखें नम हो गईं।
अभिभावक की तरह सुनी हर पीड़ा
खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री का आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण का कार्यक्रम रद्द हो गया। इसके बाद उन्होंने जौलीग्रांट हवाई अड्डे के गेस्ट हाउस में उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग समेत कई जिलों से आए आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री एक अभिभावक की तरह उनके बीच बैठे और एक-एक कर सभी की दर्दभरी कहानी सुनी। माहौल ऐसा था कि प्रभावितों को लगा ही नहीं कि वे देश के प्रधानमंत्री को अपना दुखड़ा सुना रहे हैं, बल्कि उन्हें लगा कि वे अपने किसी करीबी से अपना दर्द साझा कर रहे हैं।
जब छलक पड़े प्रधानमंत्री के आंसू
बातचीत के दौरान कई पल बेहद भावुक कर देने वाले रहे। उत्तरकाशी के धराली गांव की कामेश्वरी देवी ने जब 5 अगस्त को आई आपदा में अपने 25 वर्षीय बेटे आकाश, होटल और घर गंवाने की दर्दनाक दास्तां सुनाई, तो प्रधानमंत्री की आंखें भी छलछला उठीं।कामेश्वरी देवी भावुक होकर बस इतना ही कह सकीं, “इस आपदा ने हमारा सब कुछ छीन लिया है।”
इसी तरह, बागेश्वर के पौंसारी निवासी महेश चंद्र ने जब आपदा में अपने माता-पिता को खोने की आपबीती सुनाई तो प्रधानमंत्री फिर भावुक हो गए। पौड़ी जिले के सैंजी गांव के नीलम सिंह भंडारी ने भी भूस्खलन से गांव पर आए संकट को बयां किया।
“आप अकेले नहीं हैं, सरकार साथ खड़ी है”
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी पीड़ितों की बातों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, “संकट की इस घड़ी में आप अकेले नहीं हैं, केंद्र और राज्य सरकार आपके साथ मजबूती से खड़ी है।” प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रभावितों के पुनर्वास के लिए सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी, भले ही इसके लिए नियमों में बदलाव क्यों न करना पड़े। प्रधानमंत्री से मिले इस आश्वासन के बाद पीड़ितों के चेहरों पर सुकून और भविष्य के लिए एक नई उम्मीद दिखी।
अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की।इसके साथ ही, आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने का भी ऐलान किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत सुनिश्चित की जाएगी।
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