देहरादून। उत्तराखंड में 2026 में होने वाली विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक वर्चुअल बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा के भव्य और सुगम आयोजन के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से काम करें और तैयारियों में तेजी लाएं।यह यात्रा लगभग 280 किलोमीटर की है और विश्व की सबसे लंबी पैदल धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यात्रा के सफल संचालन हेतु एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि पिछली यात्राओं के अनुभवों से सीखते हुए बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।यात्रा के पैदल मार्गों की उत्तम व्यवस्था और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री धामी ने इस बात पर जोर दिया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी। इस ऐतिहासिक यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और बेहतर दूरसंचार व्यवस्था स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा के पड़ावों पर ठहरने, भोजन, स्नानघर, शौचालय और टेंट की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। यात्रा के दौरान एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मेडिकल कैंप, चिकित्सकों की पर्याप्त उपलब्धता और हेली एम्बुलेंस की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।बरसात के मौसम में होने वाली इस यात्रा के मद्देनजर संक्रामक रोगों से बचाव के लिए भी आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे।
सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और प्रचार-प्रसार
नंदा देवी राजजात यात्रा उत्तराखंड की गहरी आस्था, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने नंदा राजजात से जुड़े लोक गीतों और लोक कथाओं का अभिलेखीकरण करने के भी निर्देश दिए हैं।पर्यटन विभाग को यात्रा के पड़ावों का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है ताकि देश-विदेश के श्रद्धालु इस अनूठी यात्रा के बारे में जान सकें।
व्यवस्थाओं की होगी नियमित समीक्षा
मुख्यमंत्री ने तैयारियों की निगरानी के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा तैयार की है। मुख्य सचिव हर महीने तैयारियों की समीक्षा करेंगे, जबकि गढ़वाल और कुमाऊं के आयुक्त हर सप्ताह समीक्षा बैठक करेंगे।गढ़वाल और कुमाऊं के जिन क्षेत्रों से श्रद्धालु और डोलियां यात्रा में शामिल होती हैं, उन सभी क्षेत्रों में भी सड़क, पेयजल और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
2027 कुंभ की भी तैयारी
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी उल्लेख किया कि 2026 की नंदा राजजात यात्रा के साथ-साथ 2027 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले की भी तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में दोनों आयोजन भव्य और दिव्य होंगे।
इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, कई विधायक और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने यात्रा के सफल आयोजन के लिए अपने सुझाव दिए। नंदा देवी राजजात यात्रा हर 12 साल में एक बार होती है और पिछली यात्रा 2014 में हुई थी।यह यात्रा चमोली जिले के नौटी गांव से शुरू होकर होमकुंड तक जाती है।
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