देहरादून: उत्तराखंड के आपदाग्रस्त धराली गांव के प्रभावित लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर भावुक हो गए। अपनी देहरादून यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने जब आपदा पीड़ितों से मुलाकात की, तो वे अपने आंसू नहीं रोक पाए और उन्होंने तबाही की दर्दभरी कहानी सुनाई। इस मुलाकात के दौरान पीड़ितों ने 5 अगस्त को आई भयावह आपदा में अपना सब कुछ खो देने का दर्द बयां किया।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट के राज्य अतिथि गृह में हुई इस भावुक मुलाकात में आपदा प्रभावितों ने प्रधानमंत्री को बताया कि किस तरह जल प्रलय ने उनके घर, खेत, बगीचे और रोजगार के साधन छीन लिए। कई परिवारों ने इस आपदा में अपनों को खो दिया, जबकि कई के सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। पीड़ितों ने बताया कि गांव में रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है और कई परिवार अब सरकारी सहायता पर निर्भर हैं।
एक पीड़ित महिला कामेश्वरीदेवी, जिन्होंने इस आपदा में अपने युवा बेटे आकाश को खो दिया, प्रधानमंत्री के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कुछ बोल नहीं सकीं और उनकी आंखों से लगातार आंसू बहते रहे। उन्होंने सिर्फ इतना कहा, “इस आपदा ने हमारा सब कुछ छीन लिया है।”
ग्राम प्रधान अजय नेगी ने प्रधानमंत्री को धराली गांव में हुई तबाही की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।उन्होंने प्रधानमंत्री से धराली के पुनर्वास, प्रभावित लोगों के लिए फिर से रोजगार की व्यवस्था करने और कृषि ऋण माफ करने की अपील की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा प्रभावितों की बातों को गंभीरता से सुना और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और रोजगार के लिए काम कर रही है। पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि सरकार नियमों में बदलाव करने पड़े तो भी करेगी, लेकिन पीड़ितों की हरसंभव मदद सुनिश्चित की जाएगी।
इस मुलाकात से पहले, प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण योजनाओं की समीक्षा की।खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री का आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने का कार्यक्रम रद्द हो गया था।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपये के आपदा राहत पैकेज की भी घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने का भी ऐलान किया। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत आपदा में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल का भी आश्वासन दिया गया।
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