नई दिल्ली: यह काफी दिलचस्प है कि एक पौधे को बेहया या बेशर्म कहा जाता है। यह भारत में आसानी से मिल जाता है जो कि सड़कों के किनारे या खाली जगहों पर उग जाता है। नमी वाली जगहों पर उगने वाला यह पौधा हर हाल में खुद को जिंदा रख लेता है, इसलिए इसे बेहया या बेशर्म कहते हैं। लेकिन क्या आप इसके फायदों के बारे में जानते हैं। इस पौधे को ना जानवर खाते और ना इंसान, क्योंकि यह जहरीला होता है। इसका सिर्फ टॉपिकल यूज किया जा सकता है। आप इसे त्वचा के बाहरी तरफ लगाकर कुछ फायदे पा सकते हैं।
मांसपेशियों और जोड़ों आदि का दर्द मिटाने के लिए क्रीम या लोशन की जगह एक बार बेहया के पत्तों का एक्सट्रैक्ट लगाकर देखें। रिसर्चगेट पर मौजूद एक शोध के सार में बताया गया है कि इसके अंदर प्रभावशाली एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो दर्द के लिए जिम्मेदार इंफ्लामेशन को खत्म करते हैं। इस पौधे के अंदर एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। इस वजह से यह घाव और जख्मों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। पुराने समय में इसकी पत्तियों पर तेल लगाकर हल्का गर्म किया जाता था और फिर जख्मों पर लगाया जाता है।
इस पौधे की टहनी और पत्तों को काटने पर एक दूध जैसा पदार्थ निकलता है। ऐसा माना जाता है कि बिच्छू के डंक पर इसे लगाने से आराम मिलता है और उसका जहर कम हो जाता है। हालांकि इस जानकारी के लिए प्रामाणिक स्त्रोत नहीं है। अगर आपको इंफेक्शन की वजह से स्किन एलर्जी, रैशेज, खुजली आदि समस्याएं हैं तो इस पौधे की जड़ को सुखाकर कपूर और कोकड़े का तेल मिलाकर स्किन पर लगाने से आराम मिलता है। इस पौधे के तने को दातुन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए पहले किसी आयुवेदाचार्य से जानकारी जरूर लें। चूंकि यह थोड़ा जहरीला होता है इसलिए वो आपको इस्तेमाल के सही निर्देश दे सकता है।
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