पोलियो के खतरे को देखते हुए, भारत सरकार ने पोलियो प्रभावित 11 देशों से आने वाले यात्रियों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य कर दिया है। इसमें ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) और इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) दोनों को मान्यता दी गई है। यह निर्णय भारत को पोलियो-मुक्त बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई दिल्ली: विश्वभर में पोलियो के मामलों में हालिया वृद्धि ने भारत को चिंतित कर दिया है। पोलियो, जो एक संक्रामक रोग है, विशेष रूप से बच्चों में गंभीर विकलांगता और कभी-कभी मृत्यु का कारण बन सकता है। इस बीमारी के फैलने की प्रक्रिया अत्यंत तीव्र होती है और यह मुख्यतः व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क, छींक या खांसी के माध्यम से फैलती है।
केंद्र सरकार ने पोलियो के बढ़ते खतरे के मद्देनजर 11 देशों की यात्रा से पूर्व टीकाकरण को अनिवार्य कर दिया है। इस निर्णय के अनुसार, बिना टीकाकरण के इन देशों से आने वाले यात्रियों का भारत में प्रवेश निषेध होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नियमों में संशोधन करते हुए यात्रियों के लिए ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) के साथ-साथ इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) को भी मान्यता प्रदान की है। यात्रा से कम से कम चार सप्ताह पहले इनमें से किसी एक टीके की खुराक लेना और इसका प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
अफगानिस्तान, कैमरून, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सोमालिया, और सीरिया को स्थानिक देशों की श्रेणी में रखा गया है, जबकि मलावी, मोजाम्बिक, मेडागास्कर, कांगो, और डीआर कांगो को पोलियो वायरस प्रसार की श्रेणी में रखा गया है। इन देशों से आवागमन पर निगरानी भी बढ़ाई गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य महानिदेशालय की सहायक महानिदेशक डॉ. शिखा वर्धन ने बताया कि भारतीयों और विदेशी नागरिकों दोनों के लिए उम्र और टीकाकरण की स्थिति की परवाह किए बिना यह खुराक लेना अनिवार्य है। आगामी समय में संक्रमण प्रभावित देशों की सूची में संशोधन संभव है, जिससे यात्रा और स्वास्थ्य नियमों में लचीलापन बना रहे।
पोलियो प्रभावित देशों से आवागमन पर भारत सरकार ने बढ़ाई निगरानी; यात्रा से पहले और बाद में टीकाकरण की अपील
भारत सरकार ने पोलियो प्रभावित देशों के आवागमन पर निगरानी बढ़ा दी है। इसमें अफगानिस्तान, कैमरून, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सोमालिया, सीरिया के साथ-साथ मलावी, मोजाम्बिक, मेडागास्कर, कांगो, और डीआर कांगो शामिल हैं। इन देशों से आने और जाने वाले यात्रियों के लिए टीकाकरण की अनिवार्यता पर जोर दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीयों से आग्रह किया है कि वे यात्रा से पहले और बाद में टीकाकरण कराएं, खासकर अगर वे पोलियो प्रभावित देशों से लौट रहे हैं। इसके लिए वे स्थानीय जिला अस्पताल या स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। डॉ. शिखा वर्धन ने बताया कि जिला टीकाकरण अधिकारी को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस नियम के तहत सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया है, जिसमें गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे और किशोर भी शामिल हैं। इससे पोलियो के खतरे को कम करने और देश को सुरक्षित रखने की दिशा में मदद मिलेगी
कितनी खतरनाक है पोलियो की बीमारी
पोलियो एक संक्रामक रोग है जो पोलियो वायरस के कारण होता है जिसके लक्षण फ्लू से लेकर विकलांगता और यहां तक कि मृत्यु तक हो सकते हैं. पोलियो हाइली कंटेजियस होता है और पर्सन टू पर्सन के कॉन्टैक्ट में आने से, छींक या खांसी से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आनेसे फैल सकता है. पोलियो दुनिया की सबसे भयावह और प्रभावशाली बीमारियों में से एक है. 1952 में यूनाइटेड स्टेट्स में इसका सबसे ज्यादा गंभीर प्रकोप देखने को मिला था जिसमें 57000 से अधिक मामले सामने आए थे और 3000 लोगों की मौत हुई थी.
पोलियो के लक्षण
पोलियो के लक्षण आसानी से नजर नहीं आते. शुरुआती दौर पर बहुत हल्के लक्षण दिखाई देते हैं.इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द,गला खराब होना,पेटदर्द,भूख में कमी,जी मिचलाना,उल्टी होना शामिल है.
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