Categories: UTTARAKHAND

Uttarakhand:कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की बढ़ी मुश्किलें,कैबिनेट के निर्णय के बाद कोर्ट ले सकता है बड़ा फैसला

कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में अब कैबिनेट के निर्णय के बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने 19 अक्तूबर की तारीख तय की है, जब यह तय होगा कि मंत्री जोशी पर मुकदमा चलेगा या नहीं। अधिवक्ता विकेश नेगी ने मंत्री पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है, जिसके चलते यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

देहरादून: उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज होगा या नहीं, इस पर कोर्ट 19 अक्तूबर को फैसला लेगी। कोर्ट को इस मामले में मंत्री परिषद के निर्णय का इंतजार है, जिसके बाद ही मुकदमे की स्थिति साफ होगी। अगर मुकदमा दर्ज होता है, तो मंत्री गणेश जोशी की कुर्सी पर खतरा मंडरा सकता है।

दरअसल, अधिवक्ता विकेश नेगी ने कृषि मंत्री पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए विजिलेंस में मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। नेगी ने इस मामले में कोर्ट में सीआरपीसी 156(3) के तहत प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। इसके बाद, स्पेशल विजिलेंस जज मनीष मिश्रा की कोर्ट ने विजिलेंस से इस संबंध में आख्या मांगी थी।

विजिलेंस ने कोर्ट को 8 जुलाई 2024 को भेजे गए कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के एक पत्र का हवाला देते हुए अपनी आख्या प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया था कि शिकायत का परीक्षण और यथोचित कार्रवाई मंत्री परिषद के स्तर पर होनी है। भारतीय संविधान के अनुसार, मंत्री परिषद कार्यपालिका की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है, इसलिए इस मामले में कैबिनेट के निर्णय का तीन महीने तक इंतजार किया जाता है।

यह अवधि 8 अक्तूबर को समाप्त हो रही है, जिसके बाद कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी। अगर मंत्री जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है, तो उन्हें अपने मंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है।

तीन महीने का समय आठ अक्तूबर को समाप्त हो रहा
आठ जुलाई 2024 का यह पत्र कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की ओर से विजिलेंस को भेजा गया है। इस पत्र में सचिव मंत्री परिषद (गोपन विभाग) को शिकायत का अपने स्तर से परीक्षण कर यथोचित कार्रवाई करने को कहा गया है।

कोर्ट में कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुसार मंत्री परिषद कार्यपालिका की निर्णय लेने के लिए सर्वोच्च संस्था है। इस पत्र से साफ होता है कि यह मामला पहले ही मंत्री परिषद को भेजा जा चुका है। कोर्ट में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के नियमानुसार ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने के आदेश से पहले कैबिनेट के फैसले का तीन महीने तक इंतजार किया जाता है।

Tv10 India

Recent Posts

उत्तराखंड में बच्चों के कफ सिरप और पशुओं की दवाओं पर प्रतिबंध

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने बच्चों को दिए जाने वाले कुछ कफ सिरप की बिक्री और…

14 hours ago

उत्तराखंड में पशुओं को दी जाने वाली इन 34 एंटी माइक्रोबियल दवाओं पर लगा प्रतिबंध

देहरादून: देशभर में इन दिनों प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई की जा…

14 hours ago

गिल का दिल्ली में धमाल, 10वें टेस्ट शतक के साथ तोड़े कई बड़े रिकॉर्ड, कोहली की बराबरी की

भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल का बल्ला रुकने का नाम नहीं ले रहा…

14 hours ago

पिथौरागढ़ वासियों के लिए खुशखबरी: नैनीसैनी एयरपोर्ट से जल्द उड़ान भरेंगे 72 सीटर विमान, विस्तारीकरण को मिली मंजूरी

पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ के विकास को नई उड़ान मिलने वाली है। नैनीसैनी एयरपोर्ट के उच्चीकरण…

14 hours ago

75 की उम्र में रजनीकांत का आध्यात्मिक रूप! डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर महावतार बाबा की गुफा में किया गहन ध्यान

देहरादून:  साउथ के मेगास्टार रजनीकांत इन दिनों अपनी वार्षिक आध्यात्मिक यात्रा पर हैं। हाल ही…

1 day ago

उत्तराखंड: पेपर लीक मामले पर सीएम धामी से मिले BJP विधायक, छात्रों के हित में परीक्षा निरस्त करने की मांग

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली से लौटने के बाद सचिवालय स्थित उनके…

1 day ago