पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। बैडमिंटन के वुमेंस सिंगल्स में एसयू5 वर्ग में भारतीय शटलर तुलसीमति मुरुगेसन ने फाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन उन्हें स्वर्ण पदक से चूककर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इसी इवेंट में मनीषा रामदास ने कांस्य पदक जीतकर भारत को गर्वित किया। एक ही इवेंट में दो पदक जीतकर भारत ने नई उपलब्धि हासिल की है।
स्वर्ण से चूकीं तुलसीमति मुरुगेसन:
बाइस वर्षीय शीर्ष वरीय तुलसीमति मुरुगेसन फाइनल में चीन की गत चैंपियन यैंग कियू शिया से 17-21 और 10-21 से हार गईं। मुरुगेसन ने पूरे मैच में अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन यैंग की रणनीति और अनुभव के सामने वह टिक नहीं पाईं। स्वर्ण पदक के लिए संघर्ष करने के बावजूद, मुरुगेसन को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा।
मनीषा रामदास का शानदार प्रदर्शन:
दूसरी वरीय मनीषा रामदास ने सेमीफाइनल में मिली हार के बाद ब्रॉन्ज मेडल के मैच में जबरदस्त वापसी की। उन्होंने डेनमार्क की तीसरी वरीय कैथरीन रोसेनग्रेन को 21-12, 21-8 से मात दी। मनीषा ने पूरे मुकाबले में अपना दबदबा बनाए रखा और विरोधी खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया। यह जीत मनीषा के करियर की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
भारतीय बैडमिंटन का स्वर्णिम अध्याय:
एसयू5 वर्ग उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके ऊपरी अंगों में विकार है, और यह जीत भारतीय पैरालंपिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गई है। तुलसीमति और मनीषा दोनों ने अपनी प्रतिभा और समर्पण से भारत का नाम रोशन किया है।
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने बच्चों को दिए जाने वाले कुछ कफ सिरप की बिक्री और…
देहरादून: देशभर में इन दिनों प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई की जा…
भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल का बल्ला रुकने का नाम नहीं ले रहा…
पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ के विकास को नई उड़ान मिलने वाली है। नैनीसैनी एयरपोर्ट के उच्चीकरण…
देहरादून: साउथ के मेगास्टार रजनीकांत इन दिनों अपनी वार्षिक आध्यात्मिक यात्रा पर हैं। हाल ही…
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली से लौटने के बाद सचिवालय स्थित उनके…