देहरादून: मुक्तिनाथ धाम हिन्दुओं के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह नेपाल के मस्तांग जिले की थोरांग ला पहाड़ियों के बीच मौजूद है। इसे सभी पापों का नाश करने वाला तीर्थ माना जाता है। माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु को भी जलंधर दैत्य की पत्नी वृंदा के शाप से मुक्ति मिली थी। कथाओं के अनुसार मुक्तिक्षेत्र वह स्थान है जहां पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहीं पर भगवान विष्णु शालिग्राम शीला में निवास करते हैं और उनकी पूजा की जाती है। ये स्थान गंडकी नदी के पास ही है। हिंदू ही नहीं इस मंदिर पर बौद्ध धर्म के लोगों की भी आस्था है। मुक्तिधाम के पास गण्डकी नदी और दामोदर कुंड की धारा जहां मिलती है, उसे काकवेणी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां पर श्राद्ध तर्पण करने से व्यक्ति की 21 पीढ़ियों को मुक्ति मिल जाती है। श्रीमद्भागवत पुराण में धुंधकारी की कथा मिलती है, जिसने यहां श्राद्ध करके अपनी 21 पीढ़ियों को मुक्ति दिलाई और स्वयं भी पाप मुक्त होकर स्वर्ग को गया।
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