नई दिल्ली: किन्नर कैलाश, जो हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित है, भगवान शिव का एक प्रमुख धाम है। यह कैलाश मानसरोवर के बाद दूसरा सबसे बड़ा कैलाश पर्वत माना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि यहां का शिवलिंग प्रतिदिन अपना रंग बदलता है, जो कभी सफेद, कभी पीला, कभी लाल और कभी काला होता है।
यह पर्वत समुद्र तल से 24,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां हर साल जुलाई और अगस्त में सैकड़ों शिव भक्त आते हैं। इसे भगवान शिव की तपोस्थली माना जाता है और यह किन्नौर के बौद्ध लोगों और हिंदू भक्तों की आस्था का केंद्र है।
मान्यताओं के अनुसार, महाभारत काल में इस पर्वत का नाम इन्द्रकील पर्वत था, जहां भगवान शंकर और अर्जुन के बीच एक युद्ध हुआ था और अर्जुन को पासुपातास्त्र की प्राप्ति हुई थी। इसके अलावा, यह भी मान्यता है कि पाण्डवों ने अपने वनवास काल का अन्तिम समय यहीं बिताया था। किन्नर कैलाश को वाणासुर का कैलाश भी कहा जाता है।
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