Categories: UTTAR PRADESH

महाकुंभ 2025: पुण्य स्नान के बाद करें इस अद्भुत शक्तिपीठ के दर्शन, जहां माता का होता है पालने में पूजन!

महाकुंभ 2025: साल 2025 का महाकुंभ प्रयागराज में आस्था का महासंगम लेकर आएगा। हर बार की तरह, इस बार भी करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम में स्नान कर अपने जीवन को धन्य करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्नान के बाद एक ऐसा मंदिर है जहां देवी मां के दर्शन मात्र से हर मनोकामना पूर्ण होती है? यह है प्रयागराज का प्रसिद्ध अलोप देवी मंदिर, जो शक्तिपीठों में से एक है और अपनी अनूठी पहचान के लिए जाना जाता है। आइए, जानते हैं इस अद्भुत मंदिर की कथा और विशेषता।

क्यों कहते हैं इसे “अलोप देवी मंदिर”?

यह मंदिर हिंदू धर्म के शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि जब माता सती ने अपने प्राण त्याग दिए, तो भगवान शिव उनके शरीर को लेकर विलाप कर रहे थे। इस दौरान विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के शरीर को खंड-खंड कर दिया। उनके अंग जहां-जहां गिरे, वे स्थान शक्तिपीठ कहलाए। प्रयागराज का यह स्थान भी उनमें से एक है।
यहां माता का पंजा (हाथ) गिरा था, और वह स्थान अदृश्य यानी “अलोप” हो गया। इसी कारण इसे अलोप देवी मंदिर कहा जाता है।

मूर्ति नहीं, पालकी की पूजा होती है

इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है। यहां माता की प्रतीक एक पालकी (डोली) रखी गई है, जिसकी पूजा श्रद्धालु बड़े श्रद्धा-भाव से करते हैं। माना जाता है कि यह पालकी चमत्कारी है और माता की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक है।

पवित्र स्नान के बाद जरूर करें दर्शन

महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान के बाद इस मंदिर में दर्शन का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि संगम की पावन डुबकी के बाद यहां माता का आशीर्वाद लेने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।

अलोप देवी मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

  • यह मंदिर संगम के निकट स्थित है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है।
  • इसे केवल शक्तिपीठ ही नहीं, बल्कि प्रयागराज की धार्मिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।
  • मंगलवार और शुक्रवार को यहां भक्तों की विशेष भीड़ होती है।
  • नवरात्रि और महाकुंभ जैसे पर्वों के दौरान मंदिर की रौनक अद्वितीय होती है।

महाकुंभ 2025 में दर्शन का अवसर न चूकें

महाकुंभ 2025 में प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु अगर संगम में स्नान के बाद अलोप देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं, तो उनकी यात्रा पूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहां का आशीर्वाद जीवन के सभी दुखों और संकटों को दूर करता है।

इस बार महाकुंभ के दौरान, जब आप प्रयागराज आएं, तो इस अद्भुत मंदिर में माता की पालकी के दर्शन जरूर करें। आपकी हर मनोकामना पूरी होगी, यही माता का वरदान है।

Tv10 India

Recent Posts

ऋषिकेश को सीएम धामी की बड़ी सौगातें: राफ्टिंग बेस स्टेशन और मल्टी-स्टोरी पार्किंग का शिलान्यास

ऋषिकेश: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में ऋषिकेश का दौरा कर कई महत्वपूर्ण विकास…

22 hours ago

भारतीय मजदूर संघ का 70वां स्थापना दिवस समापन: सीएम धामी ने श्रमिकों-उद्योगों के सामंजस्य को बताया अहम

हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हरिद्वार का दौरा किया, जहां उन्होंने जगद्गुरु आश्रम…

23 hours ago

पंचायत चुनाव: कांग्रेस की अहम बैठक, जीत के लिए तीन-चरणीय रणनीति तैयार

देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी…

23 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पीएम मोदी का विश्व को संदेश: ‘योग वो ‘पॉज बटन’ है, जिसकी आज हर किसी को ज़रूरत है’

नई दिल्ली: 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (2025) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र…

2 days ago

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर धामी सरकार की बड़ी पहल, कई देशों के राजनयिकों की मौजूदगी में लॉन्च हुई योग नीति

भराड़ीसैंण (कर्णप्रयाग): 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण एक ऐतिहासिक…

2 days ago

उत्तराखंड में देश की पहली योग नीति लागू, राज्य बनेगा योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी

योग करते सीएम धामी देहरादून: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, उत्तराखंड सरकार ने राज्य…

2 days ago