Categories: UTTAR PRADESH

144 साल बाद का महाकुंभ: दुर्लभ संयोग बना भीड़ का सैलाब, प्रत्यक्षदर्शी बोलीं- “बेटवा ई जनम में तो ऐसा मौका नाहीं मिली!”

FacebookFacebookRedditRedditXXWhatsappWhatsappLinkedinLinkedinInstagramInstagramTelegramTelegram

महाकुंभ: प्रयागराज के महाकुंभ में मंगलवार देर रात हुए भगदड़ की एक बड़ी वजह 144 वर्षों बाद आया दुर्लभ संयोग था। सरकार और संत समाज ने इस विशेष मुहूर्त का महत्त्व बताया था, जिससे श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। लोग इस पावन अवसर पर संगम स्नान के लिए घाटों पर बैठे और लेटे रहे, लेकिन तभी अवरोधक तोड़कर आई बेकाबू भीड़ ने उन्हें कुचल दिया।

कैसे मची भगदड़?

मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम स्नान का विशेष महत्व होता है। जैसे ही अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त शुरू हुआ, लाखों श्रद्धालु संगम तट की ओर उमड़ पड़े। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए अवरोधकों के पास लोग ठसाठस भर गए, जिससे लौटने का रास्ता संकरा पड़ गया।

स्थिति तब और बिगड़ गई जब लोगों ने हर हाल में संगम स्नान करने की कोशिश शुरू कर दी। धक्का-मुक्की के बीच पिलर नंबर-157 के पास बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे अफरातफरी मच गई। भगदड़ में कुछ श्रद्धालु ज़मीन पर गिर पड़े और भीड़ के पैरों तले कुचल गए। हालात इतने भयावह हो गए कि पास के चेंजिंग रूम भी भीड़ के दबाव से गिर गए।

प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी

असम से आई श्रद्धालु मधुमिता ने बताया, “लोग संगम तट पर सुबह होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन तभी अवरोधकों को तोड़कर आई भीड़ ने वहां बैठे लोगों को कुचल दिया।”

बेगूसराय से आई बुजुर्ग श्रद्धालु बदामा देवी ने भावुक होकर कहा, “बेटवा, ई जनम में तो ऐसा मौका नाहीं मिली। गंगा माई की कृपा के लिए हम दूर-दूर से आए रहे, पर हमका का पता कि इहां इतनी बड़ी अनहोनी होई जाई। लगत है गंगा माई की इहै मंजूर रहन।”

झारखंड के पलामू से आए राम सुमिरन ने बताया, “144 साल बाद का यह पुण्य स्नान कोई छोड़ना नहीं चाहता था। यही कारण था कि देश-दुनिया से लाखों लोग संगम के किनारे खुले आसमान के नीचे रातभर डटे रहे। अचानक आई भीड़ ने उन्हें संभलने का मौका तक नहीं दिया। घटनास्थल पर बिखरे जूते-चप्पल और श्रद्धालुओं के कपड़े खुद ही इस त्रासदी की कहानी बयां कर रहे थे।”

प्रशासन को पहले से था अंदेशा

प्रशासन को इस अभूतपूर्व भीड़ का अनुमान पहले ही हो गया था। प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने छोटे लाउडस्पीकर से श्रद्धालुओं को आगाह भी किया था। उन्होंने कहा था, “सभी श्रद्धालु सुन लें, संगम तट पर लेटे रहने से कोई फायदा नहीं है। जो सोवत है, वो खोवत है। उठिए, स्नान करिए और सुरक्षित रहें।”

श्रद्धालुओं का उत्साह बरकरार

हालांकि, भगदड़ की खबर के बावजूद महाकुंभ में श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। मेला प्रशासन के अनुसार, बुधवार दोपहर 12 बजे तक लगभग 4.24 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। अब तक कुल 19.94 करोड़ श्रद्धालु पावन स्नान कर चुके हैं।

महाकुंभ का यह ऐतिहासिक स्नान लाखों लोगों के लिए आस्था, मोक्ष और पुण्य का प्रतीक है, लेकिन अव्यवस्था और सुरक्षा की चूक इसे एक त्रासदी में बदल सकती है। प्रशासन को आने वाले दिनों में और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और निर्विघ्न रूप से अपनी आस्था को निभा सकें।

FacebookFacebookXXRedditRedditLinkedinLinkedinTwitterTwitterInstagramInstagramWhatsappWhatsapp
Tv10 India

Recent Posts

भगवान जगन्नाथ ने मंदिर की माला क्यों ठुकरा दी?

पुरी धाम में भगवान जगन्नाथ के सिंह द्वार के समीप एक विशाल छतरी के नीचे…

10 hours ago

नींबू पानी पीने का सही समय: सेहत के लिए वरदान या नुकसान? जानिए कब पिएं और कब नहीं

नींबू पानी गर्मियों में सबसे पसंदीदा और लाभकारी ड्रिंक माना जाता है। यह न सिर्फ…

2 days ago

सेठ को बैठे-बैठे हुए श्री जगन्नाथ जी के दर्शन!

एक सेठ के यहाँ एक व्यक्ति काम करता था, जो परम भगवान भक्त था। सेठ…

2 days ago

उत्तराखंड:सुनील शेट्टी की जंगल यात्रा: फाटो पर्यटन जोन में लिया रोमांचक सफारी का आनंद

रामनगर: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और एक्शन स्टार सुनील शेट्टी सोमवार सुबह उत्तराखंड के रामनगर…

3 days ago

5 साल बाद फिर शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा: उत्तराखंड और सिक्किम के रास्ते 15 जत्थों में 750 श्रद्धालु जाएंगे

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम होने के बाद भारत-चीन के बीच कई दौर की…

3 days ago

Akshaya Tritiya 2025 Date : अक्षय तृतीया कब है, जानें मुहूर्त और महत्व

Akshaya Tritiya 2025 kab hai : अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को…

3 days ago