Mahashivratri Puja: महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है. शिव भक्तों के लिए यह दिन बहुत खास होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था. इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भोलेनाथ की आराधना करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. ।
महाशिवरात्रि का महत्व
- महाशिवरात्रि भगवान शिव का प्रमुख पर्व है, जिस दिन उनका विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। इस दिन भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं।
- महाशिवरात्रि वह दिन भी है, जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुए हलाहल विष को अपने कण्ठ में रखकर संसार को बचाया था। इस कारण उन्हें नीलकण्ठ के नाम से भी जाना जाता है।
- महाशिवरात्रि एक ऐसा दिन है, जब प्रकृति मनुष्य को आध्यात्मिक उन्नति करने में मदद करती है। इस दिन ग्रह का उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्य भीतर ऊर्जा का प्राकृतिक रूप से ऊपर की और जाती है। इस समय का उपयोग करने के लिए, भक्त पूरी रात जागते रहते हैं और शिव का ध्यान, जप, तप और व्रत करते हैं।
- महाशिवरात्रि योगिक परंपरा में भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव को आदि गुरु माना जाता है, जिनसे ज्ञान उपजा। इस दिन उन्होंने अपने शिष्यों को योग की विधि बताई थी। इस दिन उन्होंने अपने भीतर की सारी गतिविधियों को शांत करके पूरी तरह से स्थिर हो गए थे। इसलिए, साधक इस दिन को स्थिरता की रात्रि के रूप में मनाते हैं।
महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर मुहूर्त
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रात: 03 बजकर 34 मिनट से सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक
- निशिता काल मुहूर्त – रात में 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
- महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्यक्ति इस दिन सात्विक भोजन व फल आदि का सेवन करें.
- महाशिवरात्रि पर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें.
- पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें.
- चारों प्रहर की पूजा में शिवपंचाक्षर मंत्र यानी ऊं नम: शिवाय का जाप करें.
- महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें.
- महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ को भोग लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.
- महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिवलिंग की पूजा करते हैं और उन्हें बेल पत्र, दूध, दही, गुड़, गंगाजल और फूलों से अभिषेक करते हैं। इससे उन्हें शिव की कृपा मिलती है।
- महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिव के नाम का जाप करते हैं और उनके मंत्रों का उच्चारण करते हैं। इससे उन्हें शिव का आशीर्वाद मिलता है।
- महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिव के गीत, भजन, आरती और स्तोत्र गाते हैं और उनके चरित्र की कथा सुनते हैं। इससे उन्हें शिव का अनुभव होता है।
- महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिव के प्रति अपना प्रेम और भक्ति दिखाते हैं और उनके लिए व्रत रखते हैं। इससे उन्हें शिव का साथ मिलता है।
यह थे महाशिवरात्रि के दिन करने वाले कुछ कार्य। आशा करता हूँ कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। महाशिवरात्रि की आपको हार्दिक शुभकामनाएं। 🙏