नैनीताल (उत्तराखंड): भवाली स्थित कैंची धाम, जो उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, अपने वार्षिक स्थापना दिवस समारोह के लिए पूरी तरह से तैयार है।हर साल 15 जून को मनाया जाने वाला यह उत्सव देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।इस विशेष अवसर के लिए, बाबा नीम करौली महाराज द्वारा स्थापित इस आश्रम को फूलों और मालाओं से दुल्हन की तरह सजाया गया है, जिससे इसकी सुंदरता और भी निखर उठी है।
यह धाम, जिसे बाबा नीम करौली के भक्त हनुमान जी का अवतार मानते हैं, न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी श्रद्धा और आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स जैसी कई प्रसिद्ध हस्तियां यहां आध्यात्मिक शांति की तलाश में आ चुकी हैं।
स्थापना दिवस का इतिहास और महत्व
कहा जाता है कि बाबा नीम करौली महाराज 1961 में पहली बार इस स्थान पर आए थे। उन्होंने अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर यहां एक आश्रम स्थापित करने का विचार किया।इसके बाद, 15 जून 1964 को यहां हनुमान जी की एक मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। तभी से हर वर्ष इस दिन को कैंची धाम के स्थापना दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें एक विशाल मेले और भंडारे का आयोजन होता है। इस साल धाम का 61वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा।
आकर्षण का केंद्र: मालपुए का प्रसाद
स्थापना दिवस पर आने वाले भक्तों के लिए विशेष रूप से मालपुए का प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसे बाबा का पसंदीदा भोग माना जाता है।इस वर्ष भी, मथुरा के कारीगरों द्वारा लगभग तीन लाख श्रद्धालुओं के लिए यह विशेष प्रसाद तैयार किया जा रहा है। प्रसाद का वितरण न केवल कैंची धाम में बल्कि आसपास के अन्य मंदिरों में भी किया जाएगा ताकि हर भक्त को यह प्रसाद मिल सके।
प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति
कैंची धाम अपनी आध्यात्मिक आभा के साथ-साथ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। दो पहाड़ियों के बीच स्थित होने के कारण इसकी आकृति कैंची जैसी दिखती है, और इसी वजह से इसका नाम कैंची धाम पड़ा। हरे-भरे जंगलों, शांत वातावरण और बहती नदी के किनारे स्थित यह आश्रम आगंतुकों को एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
मेले के लिए विशेष प्रबंध
लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद को देखते हुए प्रशासन ने यातायात और पार्किंग के लिए विस्तृत व्यवस्था की है।हल्द्वानी से कैंची धाम तक ट्रैफिक रूट प्लान बनाया गया है और कई स्थानों पर शटल बस सेवाओं की भी व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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