देहरादून : उत्तराखंड में इस समय भारी बारिश के कारण स्थिति बहुत गंभीर है। राज्य में 257 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग और 19 राज्यीय राजमार्ग शामिल हैं। इसके अलावा, 110 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की सड़कें भी प्रभावित हुई हैं।
सड़कों की मरम्मत के लिए 229 जेसीबी और पोकलैंड मशीनें तैनात की गई हैं। मलबा हटाने के लिए भी टीमें तैनात की गई हैं, ताकि जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य किया जा सके।7 और 8 जुलाई 2024 को गढ़वाल मंडल के कई जनपदों में भारी से भारी वर्षा की संभावना है,
गढ़वाल मंडल ने चार धाम यात्रा के श्रद्वालुओं से अपील की है कि वे 7 जुलाई को ऋषिकेश से आगे की यात्रा प्रारंभ न करें। यह अपील संभावित भारी वर्षा के कारण की गई है, जिससे यात्रा के मार्ग में कठिनाइयाँ और जोखिम बढ़ सकते हैं। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे जहां भी पहुंचे हैं, वहीं रुककर आराम करें और मौसम के सुधार होने का इंतजार करें। इस समय सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
आदि कैलाश यात्रा मार्ग में फंसे 23 यात्रियों को NDRF, SSB और पुलिस ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया है। ये श्रद्धालु सड़क बंद होने के कारण पिछले 3-4 दिनों से तवाघाट में फंसे हुए थे। धारचूला पहुंचने पर उन्होंने राहत की सांस ली। भारी बारिश के चलते आदि कैलाश यात्रा मार्ग के कई हिस्से बंद हो गए थे।
इसके साथ ही कैंचीधाम जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 87 को भी बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। इन उपायों का उद्देश्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें किसी भी संभावित खतरों से बचाना है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 9 जिलों के लिए मौसम विभाग द्वारा जारी बारिश के अलर्ट के बाद सभी संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से भारी बारिश के कारण संभावित आपदाओं के मद्देनजर सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील भी की है।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन और आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अन्य अधिकारियों को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी जिलों पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही आपदा के संबंध में कोई सूचना राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में आए, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
भारी बारिश के चलते अलकनंदा नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है
जनपद पौड़ी में लगातार दो दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़कर 534.70 मीटर तक पहुंच गया है। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि 535 मीटर पर अलार्मिंग लेवल शुरू हो जाता है और 536 मीटर पर नदी खतरे के निशान पर पहुंच जाएगी।
इस स्थिति को देखते हुए एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह ने उत्तराखंड के श्रीनगर शहर की पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे नदी वाले क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक करें। उन्हें संभावित खतरे के बारे में सूचित करें और आवश्यक सावधानियाँ बरतने की सलाह दें। लोगों को नदी के पास न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की हिदायत दी गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति से बचा जा सके।
इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को स्थिति पर कड़ी नजर रखने और आवश्यकतानुसार तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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