UTTARAKHAND

यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद: अब खरसाली में होंगे मां के दर्शन; भाई यमराज से मांगा था विशेष वरदान

उत्तरकाशी, उत्तराखंड। भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक, भैया दूज के पावन पर्व पर आज विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।शुभ लग्नानुसार दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव डोली उनके शीतकालीन प्रवास, मायके खरसाली गांव के लिए रवाना हुई।अब अगले छह माह तक श्रद्धालु खरसाली में ही मां यमुना के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

इस अवसर पर पूरा यमुनोत्री धाम मां यमुना के जयकारों से गूंज उठा। कपाट बंदी की प्रक्रिया के लिए मां यमुना के भाई शनिदेव महाराज (समेश्वर देवता) की डोली सुबह उनके गांव खरसाली से यमुनोत्री धाम पहुंची थी।धाम में शनिदेव ने यमुना नदी में स्नान किया और अपनी बहन यमुना के साथ कपाट बंदी की विशेष पूजा में शामिल हुए। इस भावुक क्षण के दौरान श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं।

भाई से मांगा था यह विशेष वरदान

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के दिन बंद होने के पीछे एक विशेष कथा है।सूर्य देव की संतान यमराज और यमुना भाई-बहन हैं।यमुना अपने भाई यमराज से बार-बार अपने घर आने का आग्रह करती थीं, लेकिन कार्य व्यस्तता के कारण यमराज आ नहीं पाते थे।एक बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमराज अचानक अपनी बहन यमुना के घर पहुंच गए।

बहन यमुना अपने भाई को देखकर बहुत प्रसन्न हुईं और उनका खूब आदर-सत्कार किया, उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराया और तिलक किया।बहन के इस स्नेह से अभिभूत होकर यमराज ने यमुना को एक वरदान मांगने को कहा। तब यमुना ने अपने भाई से यह वचन लिया कि वे हर साल इसी दिन उनके घर आएंगे और इस दिन जो भी बहन अपने भाई को तिलक लगाकर भोजन कराएगी, उसे यम (मृत्यु) का भय नहीं रहेगा।यमराज ने ‘तथास्तु’ कहकर यह वरदान दिया।माना जाता है कि इसी परंपरा के निर्वहन के लिए हर वर्ष भैया दूज के दिन मां यमुना अपने भाई शनिदेव से मिलने के बाद शीतकालीन प्रवास के लिए प्रस्थान करती हैं।

कपाट बंदी के इस अवसर पर यमुनोत्री विधायक, मंदिर समिति के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और उन्होंने मां यमुना की डोली को भावभीनी विदाई दी। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया है। इससे पूर्व केदारनाथ धाम के कपाट भी आज सुबह बंद कर दिए गए, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर बंद हुए थे।

Tv10 India

Recent Posts

उत्तराखंड का पहला हैकाथन ‘उद्भव’ 4 नवंबर से, CM धामी करेंगे शुभारंभ

चार नवंबर से उत्तराखंड में पहला हैकाथन उद्भव शुरू होगा। आईआईएम काशीपुर में सीएम पुष्कर…

7 hours ago

उत्तराखंड स्थापना की रजत जयंती पर 11 दिवसीय भव्य आयोजन, राष्ट्रपति मुर्मु विधानसभा में देंगी ऐतिहासिक संबोधन

देहरादून: उत्तराखंड राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती का भव्य जश्न…

7 hours ago

उत्तराखंड विधानसभा में रचा जाएगा इतिहास, रजत जयंती वर्ष पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी विशेष सत्र को संबोधित

देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर विधानसभा का एक ऐतिहासिक विशेष…

7 hours ago

राष्ट्रपति के दौरे से पहले देहरादून में तैयारियां तेज, हॉर्स राइडिंग एरिना और भव्य राष्ट्रपति उद्यान बनेंगे नए आकर्षण

देहरादून: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की आगामी देहरादून यात्रा को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज हो गई हैं।…

9 hours ago

देहरादून: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कर सकती हैं हॉर्स राइडिंग एरिना और फुटओवर ब्रिज का लोकार्पण, छह खास घोड़े बनेंगे नया आकर्षण

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में राष्ट्रपति की प्रस्तावित यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।…

9 hours ago

देवउठनी एकादशी 2025: 1 या 2 नवंबर? जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली…

9 hours ago