देहरादून : उत्तराखंड के पवित्र धाम केदारनाथ में चार धाम यात्रा का आगाज हो चुका है। पहले ही दिन, रिकॉर्ड 32 हजार श्रद्धालुओं ने धाम के दर्शन किए और अपनी आस्था का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस पवित्र स्थल पर पूजा अर्चना की। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति में भी योगदान देती है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चार धाम यात्रा आज से शुरू हो गई है। केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट सुबह खोले गए और दोपहर में गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन 12 मई से होंगे।
पहले दिन रिकॉर्ड संख्या में 32,000 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के दर्शन किए। यह संख्या पिछले साल के पहले दिन की तुलना में अधिक है, जब 21,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपनी पत्नी के साथ दर्शन के लिए केदारनाथ धाम का दौरा किया। यहां पहले ही दिन हजारों लोगों की भीड़ के कारण अव्यवस्था देखने को मिली।
इन चारों धामों पर दिन का तापमान 0 से 3 डिग्री दर्ज किया जा रहा है, जबकि रात में पारा माइनस में पहुंच रहा है। फिर भी, केदारनाथ धाम से 16 किमी पहले गौरीकुंड में करीब 10 हजार श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
हरिद्वार और ऋषिकेश में 15 हजार से ज्यादा यात्री पहुंच चुके हैं। चार धाम यात्रा के लिए अब तक 22.15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। पिछले साल रिकॉर्ड 55 लाख लोगों ने दर्शन किए थे।
केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय के मुताबिक 9 मई की शाम 4 बजे जब बाबा की पंचमुखी डोली केदारधाम पहुंची, उस वक्त 5 हजार लोग मौजूद थे।
दोपहर 12 बजे मां गंगा की डोली शीत कालीन प्रवास मुखवा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। डोली भैरवघाटी रात्रि विश्राम के लिए
चार धाम यात्रा: आम दर्शन से 6 घंटे पहले मुख्य पुजारी गर्भगृह में प्रवेश करते हैं,
उत्तराखंड की प्रसिद्ध चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है। केदारनाथ धाम के संत अविराम दास महाराज ने बताया कि हर साल पट खुलने से पहले रात 12 बजे मुख्य रावल 5-6 वेदपाठी ब्राह्मणों के साथ मंदिर में प्रवेश करते हैं। गर्भगृह में पंचमुखी विगृह से मंत्रों के द्वारा ज्योतिर्लिंग में प्राण पुन: स्थापित किए जाते हैं। भगवान की षोडशोपचार पूजा के बाद कपाट आम दर्शन के लिए खोले जाते हैं।
400 डॉक्टर तैनात
पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी में कहा है कि चारों धाम 3 हजार मीटर से ऊपर हैं और पहाड़ों पर रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। इसलिए श्रद्धालु 7 दिन का प्लान बनाकर निकलें।
केदारनाथ के पूरे ट्रैक पर 4जी और 5जी नेटवर्क मिलेगा। इसके लिए 4 टावर लगाए हैं। पिछले साल इस ट्रैक पर कुछ ही जगह नेटवर्क मिल पाता था। मंदिर पर वाई-फाई का उपयोग करना हो तो सरकारी पर्ची कटवानी पड़ती थी, लेकिन अब वहां भी सुपरफास्ट नेटवर्क रहेगा।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह के मुताबिक ऑनलाइन पूजा इस बार 30 जून तक ही होगी। इसमें श्रीमदभागवत पाठ के लिए 51 हजार रु. तो महाभिषेक के लिए 12 हजार रु. तय हुए हैं।
इन मंदिरों के भी खुलेंगे कपाट
बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे खुलेंगे। सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलेंगे। द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वरजी के कपाट 20 मई को खुलेंगे। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 10 मई को खुलेंगे। पंच बदरी में प्रसिद्ध भविष्य बद्री के कपाट 12 मई को खुल रहे हैं।
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