इंडोनेशिया :इंडोनेशिया के जावा द्वीप में स्थित प्रम्बानन मंदिर की कथा अनोखी है। यहां की कथा के अनुसार, एक समय की बात है जब राक्षस राजा प्रबु बका की खूबसूरत बेटी रोरो जोंग्गरंग थी। एक युवक बांडुंग बोन्दोवोसो ने उसे विवाह का प्रस्ताव दिया, लेकिन रोरो जोंग्गरंग ने उसे सीधे मना नहीं किया, बल्कि उसने एक शर्त रखी।
उसने बांडुंग बोन्दोवोसो से कहा कि अगर वह एक ही रात में 1000 मूर्तियां बना सकता है, तो वह उससे विवाह करेगी। बांडुंग बोन्दोवोसो ने इस चुनौती को स्वीकार किया और उसने 999 मूर्तियां बना दीं। लेकिन, जब वह अंतिम मूर्ति पर काम कर रहा था, तो रोरो जोंग्गरंग ने चालाकी से उसे धोखा दिया।
उसने पूरे शहर में जितने भी चावल के खेत थे उनमें आग लगवा दी, जिससे ऐसा लगा कि सूर्योदय हो गया है, और बांडुंग बोन्दोवोसो की अंतिम मूर्ति अधूरी रह गई। जब बांडुंग बोन्दोवोसो को इसकी सच्चाई का पता चला, तो उसने रोरो जोंग्गरंग को श्राप दिया कि वह खुद ही उसकी अधूरी छोड़ी गई मूर्ति बन जाएगी।
आज भी इस मंदिर को रोरो जोंग्गरंग मंदिर के नाम से जाना जाता है, और यहां रोरो जोंग्गरंग की मूर्ति को भगवती दुर्गा का रूप मानकर पूजा जाता है। इस अद्वितीय कथा के कारण, यह मंदिर भारतीय पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
इंडोनेशिया के लोग रोरो जोंग्गरंग मंदिर की कथा को रोरो जोंग्गरंग से संबंधित होने के कारण इस मंदिर को रोरो जोंग्गरंग मंदिर के नाम से पुकारते हैं।
प्रम्बानन मंदिर :यह तीन मुख्य हिंदू देवताओं ‘त्रिमूर्ति’ – ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) को समर्पित है.
प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया के जावा द्वीप में स्थित है और यह दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत के गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का प्रमाण है. यह मंदिर योग्यकार्ता शहर से लगभग 17 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है. यह मंदिर तीन मुख्य हिंदू देवताओं ‘त्रिमूर्ति’ – ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) को समर्पित है.
प्रम्बानन मंदिर का मूल परिसर भूकंपों और ज्वालामुखी विस्फोटों से नष्ट हो गया था, लेकिन 17वीं शताब्दी में इसे फिर से खोजा गया और अब पुन: स्थापित किया जा रहा है. इस मंदिर की दीवारों पर रामायण काल के चित्र भी अंकित हैं, जो रामायण की गाथा को बयां करते हैं.
इसके अलावा, प्रम्बानन मंदिर के परिसर में और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं. यह मंदिर भारतीय पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है और यह इंडोनेशिया का मुख्य आकर्षण है. इस मंदिर की बनावट किसी को भी अपने मोहपाश में बांध लेगी.
हिंदू लोगों के लिए प्रम्बानन मंदिर आस्था का केंद्र है। प्रम्बानन मंदिर इतना सुंदर है की वहां की बनावट किसी को भी अपने मोहपाश में बांध लेगी। मंदिर की दीवारों पर रामायण काल के चित्र भी अंकित हैं। ये चित्र रामायण की गाथा को बयां करते हैं। प्रम्बानन मंदिर में मुख्य रूप से ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अलग- अलग मंदिर स्थापित हैं। तीनों देवों की प्रतिमाओं के मुख पूर्व दिशा में हैं। प्रत्येक प्रधान मंदिर के सम्मुख पश्चिम दिशा में उसी देव से संबंधित एक मंदिर स्थापित है। यह मंदिर तीनों देवों के वाहनों को समर्पित हैं। ब्रह्मा मंदिर के सामने हंस, विष्णु मंदिर के सामने गरूड़ और शिव मंदिर के सामने नन्दीश्वर का मंदिर है। इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में और भी बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं।
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