New Delhi: रावण के वध के बाद रावण के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी विभीषण को दी गयी थी लेकिन सिंहासन सँभालने की जल्दी में विभीषण रावण के शव को वहीं छोड़ गए । जिसके बाद नागकुल के लोग रावण के शव को ले गए, उनको विश्वास था रावण अभी पूरी तरह से नहीं मरा है उसको फिर से जिन्दा किया जा सकता है। लेकिन उनके हर प्रयास असफल रहे और हारकर उन्होंने कई प्रकार के रसायनों का प्रयोग कर रावण के शव को ममी के रूप में रख दिया। कहा जाता है रेगला के घने जंगल में एक विशाल पर्वत है जिसमें एक खतरनाक गुफा स्तिथ है जिसे रावण की गुफा के नाम से जाना जाता है, क्योंकि रावण ने उसी गुफा में वर्षों तपस्या की थी। रेगला की उस गुफा में कोई नही जाता क्योंकि रावण के शव की रक्षा कई खूंखार जानवर और नागकुल के नाग करते है। रावण की ताबूत 18 फ़ीट लंबी और 5 फ़ीट चौड़ी है इतने सालों के बाद भी रावण की ताबूत आज भी रेगला के घने जंगल में सुरक्षित है।
आज हम आपको ले चलेंगे उस देवभूमि की गोद में, जहां सदियों से एक रहस्य…
वाराणसी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को वाराणसी पहुंचे और उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ…
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के विस्फोटक विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स के…
ऋषिकेश: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में ऋषिकेश का दौरा कर कई महत्वपूर्ण विकास…
हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हरिद्वार का दौरा किया, जहां उन्होंने जगद्गुरु आश्रम…
देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी…