UTTARAKHAND

उत्तराखंड में छूटी बेटियों की शिक्षा की राह होगी रोशन, मुख्यमंत्री ने दिए प्रभावी प्रयास के निर्देश

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने उन बेटियों को फिर से शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिन्होंने किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इस दिशा में प्रभावी और ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राज्य की कोई भी बेटी शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि बेटियों को फिर से स्कूल से जोड़ना एक सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने को कहा है, जिसमें स्कूल छोड़ चुकी छात्राओं की पहचान करने, उनके परिवारों से संपर्क साधने और उन्हें वापस स्कूल आने के लिए प्रेरित करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा।

क्यों पड़ी इस पहल की जरूरत?

हाल के वर्षों में, उत्तराखंड में छात्राओं के स्कूल छोड़ने की दर एक चिंता का विषय रही है। 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार, माध्यमिक स्तर पर अल्पसंख्यक छात्राओं के स्कूल छोड़ने की दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसके पीछे कई सामाजिक और आर्थिक कारण हैं, जिनमें वित्तीय बाधाएं और घरेलू कामों में व्यस्तता प्रमुख हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार अब एक लक्षित अभियान शुरू कर रही है।

सरकारी योजनाएं बनेंगी सहारा

इस मिशन को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएगी। नंदा-गौरी योजना और उत्तराखंड बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना जैसी पहलें छात्राओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जिससे परिवारों को अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। इसके अतिरिक्त, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) योजना के तहत, 11 से 18 वर्ष की आयु की लड़कियों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान की जाती है, जिसमें भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी शामिल हैं। राज्य में ऐसे 39 स्कूल पहले से ही संचालित हैं।

यह प्रयास केवल सरकारी योजनाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें समग्र शिक्षा अभियान जैसे कार्यक्रमों के तहत शिक्षकों, स्थानीय समुदायों और विभिन्न विभागों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। शिक्षकों को छात्राओं और उनके परिवारों को परामर्श देने तथा शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

यह पहल उत्तराखंड को “विकसित भारत” 2047 के राष्ट्रीय लक्ष्य के साथ जोड़ने की एक कड़ी भी है, जिसमें मानव पूंजी और विशेष रूप से महिला शिक्षा को राष्ट्र के विकास की नींव माना गया है।[8] सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है कि उत्तराखंड की हर बेटी शिक्षित हो, सशक्त बने और राज्य के भविष्य के निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दे।

Tv10 India

Recent Posts

नागकेसर से राहु-केतु और शनि होंगे शांत, शिव के प्रिय नागकेसर के बारे में ज्योतिष से आयुर्वेद तक ने बताया लाभ

नई दिल्ली: ज्योतिष और आयुर्वेद दोनों में नागकेसर के फूल का विशेष महत्व बताया गया है।…

30 mins ago

उत्तराखंड के मंदिरों का होगा कायाकल्प: सरकार बना रही मास्टर प्लान, बदलेंगे नियम और बढ़ेंगी सुविधाएं

देहरादून: उत्तराखंड सरकार राज्य के प्रसिद्ध मंदिरों के प्रबंधन और स्वरूप को एक नई दिशा देने…

50 mins ago

ऑपरेशन कालनेमि: हरिद्वार में पुलिस का बड़ा एक्शन, 44 फर्जी बाबा गिरफ्तार

हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड की पवित्रता को बनाए रखने और धर्म की आड़ में लोगों को गुमराह…

1 hour ago

मदमहेश्वर धाम का संपर्क टूटा, ट्रॉली के सहारे आवाजाही

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पवित्र…

1 hour ago

उत्तराखंड: धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी, हरिद्वार हादसे के बाद सीएम धामी ने दिए निर्देश

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद घटना से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार…

1 day ago

उत्तराखंड समेत बर्फबारी वाले हिमालयी क्षेत्रों में 1 अक्टूबर से होगी जातीय जनगणना, दो चरणों में संपन्न होगी प्रक्रिया

नई दिल्ली/देहरादून: केंद्र सरकार ने देश में लंबे समय से प्रतीक्षित जातीय जनगणना की तारीखों की…

1 day ago