Dharam Jyotish

जब स्वयं श्री कृष्ण शिकारी के जाल में फंस गए

देहरादून:[संन्त, शिकारी ओर श्री कृष्ण की कथा] :एक बार की बात है। एक संत जंगल में कुटिया बनाकर रहते थे और भगवान श्री कृष्ण का भजन करते थे। संत को विश्वास था कि एक ना एक दिन मेरे भगवान श्री कृष्ण मुझे साक्षात् दर्शन अवश्य देंगे।उसी जंगल में एक शिकारी आया। उस शिकारी ने संत की कुटिया देखी। वह कुटिया में गया। उसने संत को प्रणाम किया और पूछा कि, आप कौन हैं और आप यहाँ क्या कर रहे हैं?संत ने सोचा यदि मैं इससे कहूंगा कि भगवान श्री कृष्ण के इंतजार में बैठा हूँ शायद उनका दर्शन मुझे किसी प्रकार से हो जाये तो शायद इसको ये बात समझ में नहीं आएगी।

संत ने दूसरा उपाय सोचा। संत ने किरात से पूछा – भैया! पहले आप बताओ कि आप कौन हो और यहाँ किसलिए आते हो?

उस किरात (शिकारी) ने कहा कि मैं एक शिकारी हूँ और यहाँ शिकार के लिए आया हूँ।

संत ने तुरंत उसी की भाषा में कहा कि मैं भी एक शिकारी हूँ और अपने शिकार के लिए यहाँ आया हूँ।

शिकारी ने पूछा – अच्छा संत जी! आप ये बताइये आपका शिकार दिखता कैसा है? आपके शिकार का नाम क्या है? हो सकता है कि मैं आपकी सहायता कर दूँ?

संत ने सोचा इसे कैसे बताऊँ? फिर भी संत ने कहा – मेरे शिकार दिखने में बहुत ही सुंदर है। सांवरा सलोना है। उसके सिर पर मोर मुकुट है। हाथों में बंसी है। ऐसा कहकर संत जी रोने लगे।

किरात बोला – बाबा रोते क्यों हो? मैं आपके शिकार को जब तक ना पकड़ लूँ तब तक पानी भी नहीं पियूँगा और आपके पास नहीं आऊँगा।

अब वह शिकारी घने जंगल के भीतर गया और जाल बिछाकर एक पेड़ पर बैठकर प्रतीक्षा करने लगा। भूखा प्यासा बैठा रहा। एक दिन बीता, दूसरा दिन बीता और फिर तीसरा दिन! भूखे प्यासे किरात को नींद भी आने लगी।

बांके बिहारी को उन पर दया आ गई। भगवान उसके भाव पर रीझ गए। भगवान मंद-मंद स्वर से बांसुरी बजाते आये और उस जाल में स्वयं फँस गए जैसे ही किरात को फँसे हुए शिकार का अनुभव हुआ तो तुरंत नींद से उठा और उस सांवरे भगवान को देखा जैसा संत ने बताया था उनका रूप हूबहू वैसा ही था।

वह अब जोर-जोर से चिल्लाने लगा। मिल गया, मिल गया, शिकार मिल गया।

शिकारी ने उस शिकार को जाल सहित कंधे पर बिठा लिया और शिकारी कहता हुआ जा रहा था कि आज तीन दिन के बाद मिले हो, खूब भूखा प्यासा रखा, अब तुम्हे मैं छोड़ने वाला नहीं हूँ।

शिकारी धीरे-धीरे कुटिया की ओर बढ़ रहा था। जैसे ही संत की कुटिया आई तो शिकारी ने आवाज लगाई – बाबा! बाबा !

संत ने तुरंत दरवाजा खोला और संत उस किरात के कंधे पर भगवान श्री कृष्ण को जाल में फँसा देखा। भगवान श्री कृष्ण जाल में फँसे हुए मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे।

किरात ने कहा – आपका शिकार लाया हूँ। बहुत कठिनाई से मिले हैं।

संत के आज होश उड़ गए। संत किरात के चरणों में गिर पड़े। संत आज फूट फूट कर रोने लगे।

संत बोले – मैंने आज तक आपको पाने के लिए अनेक प्रयास किये प्रभु लेकिन आज आप मुझे इस किरात के कारण मिले हो।

भगवान बोले – इस शिकारी का प्रेम तुमसे अधिक है, इसका भाव तुम्हारे भाव से अधिक है, इसका विश्वास तुम्हारे विश्वास से अधिक है इसलिए आज जब तीन दिन बीत गए तो मैं आये बिना नहीं रह पाया। मैं तो अपने भक्तों के अधीन हूँ और आपकी भक्ति भी कम नहीं है संत जी! आपके दर्शनों के फल से मैं इसे तीन ही दिन में प्राप्त हो गया। इस प्रकार से भगवान ने खूब दर्शन दिये और फिर वहां से चले

Tv10 India

Share
Published by
Tv10 India

Recent Posts

उत्तराखंड में UCC लागू – सीएम धामी का बड़ा बयान

उत्तराखंड: सीएम धामी बोले- UCC लागू कर अपना वादा पूरा किया, सभी को मिलेगा समानता…

22 hours ago

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का बजट पर बयान – टैक्स रिलीफ का प्रभाव

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का बजट को लेकर आया ये बयान, टैक्स रिलीफ पर जानें…

22 hours ago

38th National Games: सीएम धामी बोले – राष्ट्रीय खेल भावी पीढ़ी के लिए मील का पत्थर

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन…

2 days ago

IND vs ENG 1st ODI: रवींद्र जडेजा ने रचा इतिहास, इंटरनेशनल क्रिकेट में 600 विकेट लेने वाले छठे भारतीय बने

IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच नागपुर में खेले जा रहे पहले वनडे…

2 days ago

Uttarakhand News राजभवन देहरादून में ‘वसंतोत्सव’ 7, 8 एवं 9 मार्च को आयोजित होगा।

देहरादून: उत्तराखंड राजभवन में इस साल वसंतोत्सव का आयोजन 7 से 9 मार्च के बीच…

2 days ago

Uttarakhand News :सीएम योगी आदित्यनाथ भतीजी की शादी में शामिल होने पहुंचे पैतृक गांव

CM Yogi Adityanath in Uttarakhand:यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड पहुंच गए हैं। वह अपने…

2 days ago