अहमदाबाद, 13 जून 2025: गुरुवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 241 लोगों की जान चली गई, जबकि एक व्यक्ति चमत्कारिक रूप से जीवित बच गया. यह विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था और सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद मेघाणी नगर क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस भीषण हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मारे गए.
दुर्घटना की संभावित वजहें और जांच की दिशा
यह हादसा किन परिस्थितियों में हुआ, इसकी जांच फिलहाल जारी है. हालांकि, विमान हादसों के पीछे आमतौर पर कई अहम वजहें हो सकती हैं, जिनमें से छह मुख्य संभावनाएँ सामने आ रही हैं:
ब्लैक बॉक्स मिला, जांच में आएगी तेजी
हादसे के बाद जांच एजेंसियों को विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. यह दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. हालांकि, डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) और इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर (ELT) पहले ही मिल चुके थे, लेकिन इनमें प्लेन के हादसे से जुड़ी तकनीकी जानकारियां नहीं होती हैं. DVR में केवल विमान में लगे कैमरों द्वारा कैद की गई घटनाएं रिकॉर्ड होती हैं, जबकि ELT का काम सिर्फ विमान की लोकेशन बताना होता है. विमान के सभी तकनीकी रहस्य ब्लैक बॉक्स में ही छिपे होते हैं, जिसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) शामिल होते हैं. CVR पायलटों की बातचीत और कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड करता है, जबकि FDR विमान की गति, ऊंचाई, दिशा और इंजन की स्थिति जैसे 80 से अधिक तकनीकी डेटा को रिकॉर्ड करता है. यह नारंगी रंग का अत्यधिक मजबूत बॉक्स आग, पानी और तेज झटकों को सहने में सक्षम होता है. ब्लैक बॉक्स मिलने से अब इस मामले की जांच में तेजी आने की उम्मीद है.
जांच एजेंसियां और DGCA का निर्देश
इस हादसे की जांच में भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB), अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), और ब्रिटेन का एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) जैसी तीन प्रमुख एजेंसियां जुटी हुई हैं. इसके अतिरिक्त, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8/9 विमानों पर सुरक्षा जांच बढ़ाने का निर्देश जारी कर दिया है. यह नया निर्देश 15 जून 2025 की आधी रात से लागू हो जाएगा, जिसमें ईंधन पैरामीटर सिस्टम, हाइड्रोलिक सिस्टम की सर्विसिबिलिटी, टेक-ऑफ पैरामीटर की समीक्षा, और पिछले 15 दिनों में बार-बार होने वाली खराबी की समीक्षा जैसे छह महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन जांच शामिल होगी.
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