हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का एक महत्वपूर्ण स्थान है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन श्रद्धापूर्वक उपवास करने और विधि-विधान से लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। प्रत्येक माह में दो एकादशी तिथियां होती हैं, और ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को ‘अपरा एकादशी’ या ‘अचला एकादशी’ के नाम से जाना जाता है। यह व्रत जीवन में अपार खुशियां, वैभव और धन-धान्य की वृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है।[1] आइए, अपरा एकादशी 2025 की पूजा के शुभ मुहूर्त, पारण समय और इसके महत्व को विस्तार से जानते हैं।
अपरा एकादशी 2025: तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष अपरा एकादशी का व्रत 23 मई, शुक्रवार को रखा जाएगा।
इन शुभ मुहूर्तों में भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
अपरा एकादशी 2025: पारण मुहूर्त
एकादशी व्रत में पारण का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के भीतर करना उत्तम होता है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाए तो भी एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है।
अपरा एकादशी व्रत का महत्व
अपरा एकादशी का व्रत भक्तों को अक्षय पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है।
पूजा विधि एवं नियम
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए।
अपरा एकादशी का व्रत श्रद्धा और भक्ति भाव से करने पर भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन में अपार सफलता मिलती है।
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