Categories: UTTARAKHAND

उत्तराखंड समेत बर्फबारी वाले हिमालयी क्षेत्रों में 1 अक्टूबर से होगी जातीय जनगणना, दो चरणों में संपन्न होगी प्रक्रिया

नई दिल्ली/देहरादून: केंद्र सरकार ने देश में लंबे समय से प्रतीक्षित जातीय जनगणना की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसकी शुरुआत 1 अक्टूबर, 2026 से उत्तराखंड समेत अन्य बर्फबारी वाले हिमालयी क्षेत्रों से होगी।इन क्षेत्रों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम को देखते हुए यहां जनगणना का कार्य देश के बाकी हिस्सों से पहले शुरू किया जाएगा।

गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जनगणना का पहला चरण केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के बर्फबारी वाले इलाकों में 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होगा। इन क्षेत्रों के लिए जनगणना की संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2026 की मध्यरात्रि 00:00 बजे होगी।देश के बाकी हिस्सों में जनगणना का दूसरा चरण 1 मार्च, 2027 से शुरू होगा, जिसके लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 निर्धारित की गई है।

उत्तराखंड में दो चरणों में होगी जनगणना

उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यहां भी जनगणना का कार्य दो चरणों में संपन्न कराया जाएगा। पहले चरण में तीन जिलों के तीन कस्बों को शामिल किया गया है, जिनमें उत्तरकाशी जिले का गंगोत्री, रुद्रप्रयाग जिले का केदारनाथ और चमोली जिले का बदरीनाथ कस्बा शामिल है। इन कस्बों से जुड़े करीब 150 गांव बर्फ से ढके रहते हैं, इसलिए इन क्षेत्रों में जनगणना पहले की जाएगी।

लगभग एक सदी बाद हो रही जातीय जनगणना

गौरतलब है कि भारत में आखिरी बार विस्तृत जातीय जनगणना 1931 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी।उसके बाद से अब तक हुई जनगणनाओं में केवल अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आंकड़े ही जुटाए जाते रहे हैं।लंबे समय से विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक समूहों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अन्य जातियों की गणना की मांग की जा रही थी।

सरकार का मानना है कि इस जातीय जनगणना से प्राप्त आंकड़े “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन आंकड़ों से विभिन्न जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का सटीक आकलन हो सकेगा, जिससे सरकार को अधिक लक्षित और प्रभावी नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। यह जनगणना देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें कर्मचारी ऑनलाइन ही जानकारी अपडेट करेंगे।

हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे विकास की आधारशिला बताया है। इस पूरी प्रक्रिया को जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के प्रावधानों के तहत पूरा किया जाएगा।

Tv10 India

Recent Posts

उत्तराखंड: धार्मिक स्थलों का मास्टर प्लान बनाने के आदेश जारी, हरिद्वार हादसे के बाद सीएम धामी ने दिए निर्देश

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद घटना से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार…

21 hours ago

ऋषिकेश: आरटीओ ऑफिस के पास दर्दनाक हादसा, ट्रक और ट्रोले की भीषण टक्कर से लगी आग; दो चालकों की मौत

ऋषिकेश, 30 जुलाई 2025: बुधवार तड़के ऋषिकेश-हरिद्वार बाईपास मार्ग पर आरटीओ ऑफिस के पास एक दिल…

21 hours ago

Uttarakhand News: प्रमुख धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेषज्ञ करेंगे सर्वेक्षण, दोनों मंडलों के आयुक्त होंगे नोडल अधिकारी

देहरादून: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद भगदड़ की घटना के बाद, उत्तराखंड सरकार…

21 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर सीएम धामी का ऐतिहासिक फैसला: अब ‘अग्निवीर’ करेंगे बाघों की रक्षा, टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में मिलेगी सीधी तैनाती

देहरादून. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक अभूतपूर्व…

23 hours ago

नाग पंचमी की असली कहानी

प्राचीन काल की बात है। एक बार देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया।…

1 day ago

सोने की कीमतों में लगातार 5वें दिन गिरावट, चांदी स्थिर; जानें आज का भाव

नई दिल्ली: भारतीय सर्राफा बाजार में आज, मंगलवार, 29 जुलाई, 2025 को सोने की कीमतों में…

1 day ago