DELHI

NB.1.8.1 और LF.7: भारत में कोविड के इन नए वेरिएंट्स ने बढ़ाई टेंशन, राज्य सरकारों को किया गया आगाह

दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स की एंट्री ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. NB.1.8.1 और LF.7 नामक कोविड के नए सबवेरिएंट्स की पहचान हुई है, जिनके मामले तमिलनाडु और गुजरात में मिले हैं. इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के ताजा आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है. दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है

नए वेरिएंट्स की पहचान

INSACOG के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मरीज पाया गया था, जबकि गुजरात में मई में LF.7 के चार केस दर्ज किए गए हैं. ये नए वेरिएंट्स अब स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चुनौती बन सकते हैं.

WHO की निगरानी 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8 और LF.7 को फिलहाल ‘वेरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग’ की श्रेणी में रखा है. इसका मतलब है कि ये अभी तक ‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ या ‘वेरिएंट्स ऑफ इंटरेस्ट’ नहीं हैं, लेकिन चीन और एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में कोविड मामलों में हो रही वृद्धि के पीछे इन्हीं वेरिएंट्स का हाथ माना जा रहा है. भारत में अभी सबसे ज्यादा प्रचलित वेरिएंट JN.1 है, जो सभी टेस्ट किए गए सैंपलों में 53 प्रतिशत है.

सरकार की तैयारी

NB.1.8.1 की स्पाइक प्रोटीन में पाए गए म्यूटेशन (जैसे A435S, V445H और T478I) इसके ज्यादा तेजी से फैलने और प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने की क्षमता की ओर इशारा करते हैं. हालांकि, WHO की प्राथमिक जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, इस वेरिएंट से वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य को फिलहाल कम जोखिम है.

हाल ही में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई, जिसमें ICMR, NCDC और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञों ने स्थिति की समीक्षा की. फिलहाल, किसी बड़े खतरे की आशंका नहीं जताई गई है, लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है.

नए वेरिएंट्स की पहचान और मामले:

  • भारत में कोविड-19 के दो नए सबवेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 पाए गए हैं।
  • इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला सामने आया था।मई 2025 में गुजरात में LF.7 के चार मामले दर्ज किए गए।
  • ये दोनों सबवेरिएंट ओमिक्रॉन के ही वंशज माने जा रहे हैं।NB.1.8.1 को JN.1 वेरिएंट का वंशज बताया गया है, जबकि LF.7 इससे संबंधित एक अन्य सब-वेरिएंट है।
  • इन वेरिएंट्स के स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इनके आसानी से फैलने की क्षमता की ओर संकेत करते हैं।

WHO की निगरानी:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8 और LF.7 को फिलहाल ‘वेरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग’ (Variants Under Monitoring – VUMs) की श्रेणी में रखा है।
  • इसका मतलब है कि इन पर फिलहाल नजर रखी जा रही है, लेकिन इन्हें अभी तक ‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ (Variants of Concern – VOCs) या ‘वेरिएंट्स ऑफ इंटरेस्ट’ (Variants of Interest – VOIs) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।
  • माना जा रहा है कि चीन और एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में हालिया कोविड मामलों में वृद्धि के पीछे इन्हीं वेरिएंट्स का हाथ हो सकता है।

देश में कोरोना की वर्तमान स्थिति:

  • INSACOG के अनुसार, भारत में अभी भी सबसे प्रचलित वेरिएंट JN.1 है, जो जांचे गए सभी सैंपलों में 53% है। इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सब-लीनिएज (20%) हैं।
  • दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु समेत देश के लगभग 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
  • उदाहरण के लिए, दिल्ली में हाल ही में 23 नए कोविड मामले दर्ज किए गए। केरल में मई महीने में 273 मामले सामने आए हैं
  • स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 19 मई, 2025 तक देश में कुल 257 सक्रिय कोविड मामले थे, हालांकि कुछ राज्यों में स्थानीय स्तर पर मामूली वृद्धि देखी गई है। कुछ रिपोर्टों में सक्रिय मामलों की संख्या 300 से ऊपर भी बताई गई है।

सरकार की प्रतिक्रिया:

  • स्थिति की समीक्षा के लिए हाल ही में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें ICMR, NCDC और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हुए।
  • फिलहाल किसी बड़े खतरे की आशंका नहीं जताई गई है, लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
  • अस्पतालों को आईसीयू बेड, ऑक्सीजन सप्लाई और अन्य जरूरी उपकरणों के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

विशेषज्ञों की राय:

  • NB.1.8.1 के स्पाइक प्रोटीन में पाए गए म्यूटेशन (जैसे A435S, V445H और T478I) इसके तेजी से फैलने और प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने की क्षमता की ओर इशारा कर सकते हैं।
  • हालांकि, WHO की प्रारंभिक जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, NB.1.8.1 वेरिएंट से वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य को फिलहाल कम जोखिम है। अभी तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि ये नए वेरिएंट पिछले वेरिएंट्स की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं।

यह महत्वपूर्ण है कि लोग सतर्क रहें और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें, जैसे कि मास्क पहनना और साफ-सफाई का ध्यान रखना।

Tv10 India

Recent Posts

देहरादून में जल प्रलय: बचाव कार्य जारी, मुख्यमंत्री धामी ने संभाला मोर्चा

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार देर रात हुई विनाशकारी बारिश…

7 hours ago

कर्ण का पूर्वजन्म: सहस्र कवच वाला असुर दंभोद्भवा | महाभारत रहस्य

सतयुग में दंभोद्भवा नामक एक असुर था, जिसे लोग दुरदुंभ भी कहते थे। उसने सहस्त्रों…

1 day ago

केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा आज से फिर शुरू, खराब मौसम बना तो नहीं मिलेगी उड़ान की अनुमति

देहरादून: श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। लगभग तीन महीने तक बंद रहने…

1 day ago

उत्तराखंड भाजपा की नई टीम घोषित: युवा चेहरों पर भरोसा, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने पर जोर

 Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2027 में जीत की हैट्रिक…

1 day ago

उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी, देहरादून समेत चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिसके चलते मौसम विभाग ने…

1 day ago

मॉरीशस के प्रधानमंत्री का उत्तराखंड दौरा संपन्न, मुख्यमंत्री धामी ने दी भावभीनी विदाई

Uttarakhand:मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम उत्तराखंड के अपने चार दिवसीय दौरे के बाद…

1 day ago